परियोजना से 300 मेगावाट बिजली उत्पादन का लक्ष्य, छह राज्यों को मिलेगा लाभ
देहरादून। उत्तराखंड की लखवाड़ व्यासी, त्यूनी–प्लासू, आराकोट–त्यूनी जल विद्युत परियोजना, कटापत्थर बैराज और लखवाड़ बांध परियोजना से प्रभावित ग्रामीणों को अब बड़ी राहत मिली है। सरकार ने प्रभावित परिवारों को नैनबाग–टिहरी प्रभावितों की तरह भूमि अधिग्रहण का तीन गुना मुआवजा देने का फैसला लिया है। शासन ने जिला प्रशासन के प्रस्ताव को मंजूरी देते हुए इस संबंध में आदेश जारी कर दिया है।
जिलाधिकारी सविन बंसल की अध्यक्षता में हुई बैठक में ग्रामीणों ने मुआवजा दरों में असमानता पर आपत्ति जताई थी। इसके बाद प्रशासनिक समिति ने समीक्षा कर प्रस्ताव शासन को भेजा था, जिसे हरी झंडी मिल गई। इस निर्णय से धनपो, लखवाड़, लकस्यार, खुन्ना अलमान, लुधेरा, खाती, दाऊ, ऊभौ और सरयाना गांवों के प्रभावित परिवारों को सीधा लाभ मिलेगा।
डीएम सविन बंसल ने कहा कि यह कदम न केवल प्रभावित परिवारों को न्याय देगा बल्कि उन्हें आर्थिक संबल भी प्रदान करेगा। इससे पुनर्वास कार्यों में तेजी आएगी और परियोजनाओं के क्रियान्वयन की गति भी बढ़ेगी।
गौरतलब है कि लखवाड़ जल विद्युत परियोजना उत्तराखंड की सबसे बड़ी परियोजनाओं में से एक है। इससे 300 मेगावाट बिजली उत्पादन का लक्ष्य है, जिसका फायदा उत्तराखंड समेत हिमाचल प्रदेश, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, राजस्थान और दिल्ली को मिलेगा।
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