डायबिटीज अब केवल बुजुर्गों तक सीमित नहीं रही, बल्कि हर उम्र के लोगों में तेजी से फैल रही है। विशेषज्ञों के अनुसार, यह सिर्फ ब्लड शुगर बढ़ाने वाली बीमारी नहीं है, बल्कि समय रहते नियंत्रण न करने पर यह आंखों, किडनी और दिल जैसी महत्वपूर्ण अंगों को भी नुकसान पहुंचा सकती है।

विशेषज्ञ बताते हैं कि हाई शुगर लंबे समय तक शरीर की नसों को कमजोर कर देता है, जिससे पैरों में रक्त का प्रवाह बाधित हो सकता है। इसे डायबिटिक फुट कहा जाता है। अगर इस स्थिति को नजरअंदाज किया जाए, तो पैरों में अल्सर बन सकते हैं और गंभीर मामलों में पैर का हिस्सा काटना भी पड़ सकता है।

डायबिटिक फुट कैसे बनता है?

लंबे समय तक हाई शुगर रहने पर नसें कमजोर हो जाती हैं, जिससे पैरों में दर्द या चोट का एहसास नहीं होता।

रक्त वाहिकाओं के कमजोर होने से पैर तक ऑक्सीजन और खून सही मात्रा में नहीं पहुंचता।

छोटे घाव भी जल्दी ठीक नहीं होते और संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है।

सावधानियाँ और बचाव:

पैरों में छोटे-छोटे छाले, कट या फटी एड़ियों पर तुरंत ध्यान दें।

अगर घाव 2-3 हफ्तों में ठीक न हो, बदबू या मवाद आए, या पैर का हिस्सा काला पड़ने लगे तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।

नियमित शुगर जांच और पैर की देखभाल से डायबिटिक फुट और इसके गंभीर परिणामों से बचा जा सकता है।

विशेषज्ञों का कहना है कि डायबिटीज और पैर की समस्याओं को नजरअंदाज करना खतरनाक हो सकता है। समय रहते सावधानी ही सबसे बड़ा बचाव है।

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