कहा— फर्जी वीडियो या झूठी जानकारी फैलाई तो होगी कार्रवाई, सोशल मीडिया पर रखी जा रही कड़ी निगरानी

नई दिल्ली। बिहार विधानसभा चुनाव की उल्टी गिनती शुरू हो चुकी है और अब मतदान में एक महीने से भी कम समय बचा है। राजनीतिक दल मैदान में उतर चुके हैं और प्रचार-प्रसार को लेकर पूरी ताकत झोंक रहे हैं — चाहे वो सोशल मीडिया के जरिये मतदाताओं तक पहुंचना हो या जमीनी स्तर पर कार्यकर्ताओं को सक्रिय करना। इसी बीच चुनाव आयोग ने पार्टियों को कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) के दुरुपयोग को लेकर सख्त चेतावनी जारी की है।

आयोग ने स्पष्ट किया है कि कोई भी राजनीतिक दल या उम्मीदवार एआई तकनीक का इस्तेमाल कर भ्रामक वीडियो, ऑडियो या तस्वीरें साझा न करे। आयोग ने सभी दलों को निर्देश दिए हैं कि यदि वे प्रचार में एआई-जनित या डिजिटल रूप से संशोधित सामग्री का उपयोग करते हैं, तो उसे साफ तौर पर “AI-generated” या “synthetic” बताना अनिवार्य होगा।

सोशल मीडिया पर कड़ी निगरानी

चुनाव आयोग ने बताया कि सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर विशेष निगरानी रखी जा रही है ताकि कोई भी पार्टी झूठी या भड़काऊ सामग्री साझा कर चुनावी माहौल को प्रभावित न कर सके। आयोग ने चेतावनी दी है कि एआई टूल्स का गलत इस्तेमाल कर फर्जी या गुमराह करने वाली जानकारी फैलाने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। यह पहली बार नहीं है जब आयोग ने ऐसी चेतावनी दी हो—लोकसभा चुनाव के दौरान भी एआई-जनित सामग्री को लेकर दिशा-निर्देश जारी किए गए थे।

बिहार चुनाव की रूपरेखा

बिहार विधानसभा की 243 सीटों के लिए मतदान दो चरणों में होगा। पहले चरण में 6 नवंबर को 18 जिलों की 121 सीटों पर वोटिंग होगी, जबकि दूसरे चरण में 11 नवंबर को 20 जिलों की 122 सीटों पर मतदान होगा। मतगणना 14 नवंबर को की जाएगी। इस बार राज्य में कुल 7.43 करोड़ मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे, जिनमें करीब 14 लाख नए युवा मतदाता भी शामिल हैं।