नैनबाग (टिहरी गढ़वाल):
मंगलवार को जिलाधिकारी टिहरी गढ़वाल नितिका खंडेलवाल ने नैनबाग स्थित निरीक्षण भवन में लखवाड़ बांध बहुउद्देशीय परियोजना से प्रभावित काश्तकारों की भूमि अर्जन, पुनर्वास और पुनर्व्यवस्थापन से संबंधित समस्याओं को सुना।

बैठक के दौरान लखवाड़ बांध प्रभावित समिति के अध्यक्ष डा. वीरेन्द्र सिंह रावत ने जिलाधिकारी को अवगत कराया कि परियोजना को प्रारंभ हुए अब 30 वर्ष से अधिक का समय बीत चुका है, परंतु प्रभावित परिवार अब भी विभिन्न समस्याओं का सामना कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि उत्तराखंड जल विद्युत निगम (यू.जे.वी.एन.एल.) द्वारा परियोजना के लिए भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया दोबारा शुरू की गई है, लेकिन प्रभावित परिवारों की मांगें अब तक पूरी नहीं हुई हैं। इसी कारण प्रभावित काश्तकार पिछले 10 दिनों से धरने पर बैठे हैं

प्रभावितों ने अपनी 22 सूत्रीय मांगों को जिलाधिकारी के समक्ष रखते हुए कहा कि जब तक उनकी प्रमुख मांगें पूरी नहीं होतीं, तब तक उनका आंदोलन जारी रहेगा। प्रमुख मांगों में —

  • परियोजना में चतुर्थ श्रेणी के 70 प्रतिशत पद बांध प्रभावित परिवारों के लिए आरक्षित किए जाएं,
  • कंपनी द्वारा निकाले गए युवाओं की बहाली,
  • दायर मुकदमों की वापसी,
  • पुनर्वास नीति को काश्तकारों के अधिकारों के अनुरूप संशोधित करने और
  • परिसंपत्तियों के सर्वेक्षण व आंकलन को शीघ्र पूरा करने जैसी बातें शामिल हैं।

जिलाधिकारी नितिका खंडेलवाल ने सभी पक्षों की बातें ध्यानपूर्वक सुनते हुए निर्देश दिए कि चतुर्थ श्रेणी पदों के लिए योग्यतानुसार प्रभावित परिवारों की सूची तैयार की जाए और पुनर्वास एवं पुनर्व्यवस्थापन नीति का ड्राफ्ट तैयार कर शीघ्र प्रस्तुत किया जाए।

उन्होंने यह भी कहा कि जल्द ही यू.जे.वी.एन.एल. और एल एंड टी कंपनी के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक आयोजित की जाएगी, ताकि प्रभावित काश्तकारों के हित में ठोस और सकारात्मक निर्णय लिए जा सकें।

बैठक में ब्लॉक प्रमुख सीता पंवार, डीडीओ मो. असलम, एसडीएम नीलू चावला, तहसीलदार वीरम सिंह, जिला पंचायत सदस्य जोत सिंह रावत, प्रदीप कवि, महिपाल सजवाण, राजेश सजवाण, समिति के अन्य सदस्य और बांध प्रभावित काश्तकार बड़ी संख्या में उपस्थित रहे।