देहरादून , PAHAAD NEWS TEAM
कर्नाटक के उडुपी के एक सरकारी कॉलेज से शुरू हुआ हिजाब विवाद बढ़ता ही जा रहा है. कर्नाटक से भड़की हिजाब की आग देश के कई राज्यों के बाद उत्तराखंड में भी फैलनी शुरू हो गई है. उत्तराखंड के कुछ शिक्षण संस्थानों में हिजाब का मामला सामने आने के बाद मंगलवार को मुस्लिम समुदाय की महिलाओं और पुरुषों ने राजधानी देहरादून की सड़कों पर प्रदर्शन किया. समुदाय ने जिलाधिकारी के माध्यम से राज्यपाल को ज्ञापन सौंपते हुए केंद्र सरकार को बड़े आंदोलन की चेतावनी दी.
हिजाब के मामले में मुस्लिम प्रदर्शनकारियों ने केंद्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी की. राज्य में हिजाब की आड़ में सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने की साजिश रचने वालों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की मांग की. देहरादून बार एसोसिएशन की पूर्व अध्यक्ष अधिवक्ता रजिया बेग के नेतृत्व में हिजाब मामले का विरोध कर रही महिलाओं ने कहा कि भारत में सैकड़ों वर्षों से मुस्लिम समुदाय ने कुरान और हदीस के आदेश के चलते अपनी संस्कृति में हिजाब और बुर्का को अपनाया है.
ऐसे में जिस तरह से कर्नाटक के स्कूलों और कॉलेजों में हिजाब का विरोध पूरे देश में फैल रहा है, वह मुस्लिम समाज को एक राष्ट्रव्यापी बड़े आंदोलन की ओर बढ़ने पर मजबूर कर रहा है. ऐसे में हिजाब की आड़ में राजनीति कर उत्तराखंड में सांप्रदायिक माहौल खराब करने वालों के खिलाफ राज्यपाल से कार्रवाई की मांग की गई है.
देहरादून बार एसोसिएशन की पूर्व अध्यक्ष एडवोकेट रजिया बेग ने कहा कि हिजाब उनके धर्म से जुड़ा एक ऐसा मुद्दा है, जिसे हर मुस्लिम महिला वर्ग स्वेच्छा से अपनाता रहा है. रजिया बेग ने कहा कि हरियाणा, राजस्थान और यूपी के कई हिस्सों में महिलाएं अब भी लंबे घूंघट में रहती हैं. उनका कोई विरोध नहीं है।
उन्होंने कहा कि एक गलतफहमी फैलाई जा रही है कि मुस्लिम महिलाओं को उनके परिवारों द्वारा जबरन हिजाब के पर्दे में रखा जाता है। लेकिन ये पूरी तरह गलत है. रजिया बेग ने कहा कि वह खुद एक वकील हैं और अदालत में कानूनी लड़ाई के दौरान वह अपने सिर को ढंकने की पोशाक के साथ वकालत करती हैं। इसका आज तक कोई विरोध नहीं हुआ।
यूपी सीएम के संत परिधान: हिजाब के मामले में रजिया बेग ने कहा कि यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ भी साधु-संतों के वेश में रहते हैं. धर्म से जुड़ी उस पोशाक का हम सभी सम्मान करते हैं। इसलिए यह कहना गलत है कि देश में सरकारी संस्थानों में ड्रेस और यूनिफॉर्म कोड का पालन किया जाता है। संसद से कई ऐसे स्थान हैं, जहां विभिन्न धर्म समुदायों के लोग अपनी पारंपरिक संस्कृति की पोशाक में आते हैं।
हिजाब पर आंदोलन के संकेत उत्तराखंड में हिजाब की आग फैलने से पहले ही सड़कों पर उतरी मुस्लिम महिलाओं का आरोप है कि इस कड़ी में लगातार राजनीति हो रही है जो बड़े दुर्भाग्य की बात है. अगर ऐसा ही चलता रहा तो मुस्लिम समुदाय सड़कों पर उतरकर एक बड़े आंदोलन की ओर जाने को मजबूर है। अगर केंद्र सरकार ने जल्द ही इस मामले में हस्तक्षेप नहीं किया और सकारात्मक रुख अपनाया तो आने वाले दिनों में मुस्लिम महिलाएं अपने अधिकारों के लिए सड़कों पर एक बड़े आंदोलन की ओर बढ़ेंगी.


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