मसूरी। माल रोड पर झूलाघर स्थित रोपवे अचानक खराब हो गया, इसकी सूचना मिलते ही विभिन्न विभागों के बचाव दल मौके पर पहुंचे और तत्काल संयुक्त अभियान चलाकर रोपवे में फंसे सभी लोगों को रोप की मदद से बाहर निकाला. प्राथमिक उपचार के बाद उन्हें अस्पताल भेज दिया गया। पहले तो राहगीरों को पूरा मंजर समझ नहीं आया, लेकिन फिर उन्हें अहसास हुआ कि यह पूरा मंजर रियल नहीं बल्कि मॉल ड्रिल है।

दरअसल भारत सरकार द्वारा पहाड़ों पर होने वाली प्राकृतिक व मानव जनित दुर्घटनाओं में जानमाल की सुरक्षा को लेकर नगर प्रशासन, आईटीबीपी, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, फायर सर्विस, पुलिस, होमगार्ड, नगर पालिका, स्वास्थ्य विभाग, विद्युत विभाग, जल संस्थान, जल निगम आदि विभागो व संस्थाओं को मॉक ड्रिल करने के लिए निर्देशित किया गया है।

इस संबंध में माल रोड स्थित झूलाघर स्थित रोप-वे पर सभी विभागों द्वारा संयुक्त रूप से मॉक ड्रिल की गई। जिसमें रोपवे में फंसे सैलानियों को संयुक्त प्रयास से सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया। इस अवसर पर बड़ी संख्या में लोगों ने मॉक ड्रिल करते देवदूतों के प्रदर्शन को देखा।

इस अवसर पर बोलते हुए डिप्टी कमांडेंट अमित पाठक ने कहा कि एनडीआरएफ की 15वीं बटालियन केवल उत्तराखंड के लिए स्थापित की गई है और बटालियन के कर्मियों को आपदा के समय तत्काल राहत और बचाव के लिए भेजा जाता है. इसके साथ ही एनडीआरएफ ने चारधाम यात्रा में भी अहम भूमिका निभाई है. उन्होंने कहा कि पिछले साल कई जगहों पर रोपवे हादसे हो चुके हैं।

ऐसे में अधिकारियों ने निर्देश दिया कि देश में जहां भी रोपवे है वहां मॉक ड्रिल कराई जाए। मसूरी में आयोजित मॉक ड्रिल के दौरान सुरक्षा व्यवस्था के साथ-साथ राहत और बचाव कार्य कैसे करना है, इसका अभ्यास किया गया। उन्होंने कहा है कि इस कवायद के बाद जो कमियां रह गई हैं उन्हें दूर करने का प्रयास किया जाएगा। इसमें सभी विभागों का समन्वय किया जाएगा।

इस मौके पर नगर पालिका के कार्यपालक पदाधिकारी राजेश नैथानी ने कहा कि भारत सरकार ने निर्देश दिया है कि जहां भी रोपवे है वहां छह माह के अंदर मॉक ड्रिल करा ली जाए, जो कि सुरक्षा खामियों को दूर करने के लिए किया गया. पता लगने और आपातकाल में जीवन और संपत्ति की रक्षा के लिए इस दिशा में कैसे कदम उठाए जा सकते हैं?

इस अवसर पर बोलते हुए भारत-तिब्बत सीमा पुलिस निरीक्षक जीडी संदीप तिवारी ने कहा कि मॉक ड्रिल का मुख्य उद्देश्य लोगों की जान-माल की सुरक्षा के लिए अभ्यास करना है और भारत-तिब्बत सीमा पुलिस आपदा के समय काम करने के लिए तैयार है . मसूरी में मॉक ड्रिलिंग की जा रही है। इसमें एनडीआरएफ के साथ-साथ सभी विभागों को जरूरत पड़ने पर या किसी प्राकृतिक और मानव निर्मित आपदा की स्थिति में जान बचाने के लिए शामिल किया गया है।

इस अवसर पर नायब तहसीलदार विनोद तिवाडी, कोतवाल शंकर सिंह बिष्ट,जल संस्थान के सहायक अभियंता टीएस रावत, रोपवे प्रबंधक अमित बंगवाल, सहित एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, आईटीबीपी, होम गार्ड, नगर पालिका, फायर सर्विस, स्वास्थ्य विभाग, जल निगम, लोकनिर्माण विभाग, पुलिस के अधिकारी व कर्मचारी
मौजूद रहे।

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