देहरादून : बुधवार को दून उद्योग व्यापार मंडल का एक प्रतिनिधिमंडल अध्यक्ष विपिन नागलिया के नेतृत्व में जीएसटी मुख्यालय में अपर आयुक्त आईएएस बृजवाल से मिला और जीएसटी विभाग द्वारा चलाये जा रहे इंस्पेक्टर राज का विरोध किया। दून उद्योग व्यापार मंडल के अध्यक्ष विपिन नागलिया ने बताया कि किस तरह जीएसटी अधिकारियों द्वारा व्यापारियों को परेशान किया जा रहा है.वहीं आशा रोड़ी चेक पोस्ट पर जीएसटी विभाग के अधिकारियों द्वारा व्यापारियों का शोषण किया जा रहा है और रोजाना छोटे-बड़े कारण बताकर पेनाल्टी के नाम पर व्यापारियों से दोगुना जीएसटी वसूला जा रहा है।
अध्यक्ष ने बताया कि कैसे एक व्यापारी ने कांवड़ के चलते अपना माल रेलवे से मंगवाया था, जो 13 जुलाई को आना था, लेकिन हरिद्वार में कुछ प्राकृतिक कारणों से ट्रेन देहरादून नहीं पहुंच सकी और वापस चली गई, जब ट्रेन अगले दिन पहुंची तो माल को जीएसटी अधिकारियों ने स्टेशन पर रोक लिया और जिस व्यापारी ने ₹30000 जीएसटी देकर माल मंगवाया था, वह फिर से जीएसटी के नाम पर ₹60000 का जुर्माना मांग रहा है।उपरोक्त मामले में व्यापारी का कहना है कि उसे नहीं पता कि माल वापस आ गया है या अभी भी रेलवे में है, ऐसी कोई सूचना रेलवे द्वारा व्यापारी को नहीं दी गई और न ही रेलवे द्वारा माल भेजने वाले व्यापारी को कोई जानकारी दी गई.

अधिकारी का कहना है कि अगर माल समय पर नहीं पहुंचा तो ई-वे बिल दोबारा जनरेट करना चाहिए था, लेकिन व्यापारी ने कहा कि वह ई-वे बिल तभी जेनरेट करेगा, जब उसे पता होगा कि माल वापस जा चुका है। व्यापारी को इस विषय पर कोई जानकारी नहीं है। अधिकारी मानने को तैयार नहीं थे और पेनाल्टी के नाम पर दोगुना जीएसटी वसूलने पर अड़े थे।जिसके चलते आज व्यापार संघ को मुख्यालय जाना पड़ा. आज स्थिति यह है कि इन अधिकारियों की गब्बर टैक्स वसूलने की जिद के कारण जहां व्यापारियों को व्यापार करना था, वहां इन अधिकारियों के गब्बर टैक्स वसूलने की जिद से व्यापारियों का समान रेलवे स्टेशन पर पड़ा है।
इंदिरा मार्केट के अध्यक्ष गुरुबेज सिंह ने कहा कि 10-10 दिन माल आशा रोडी पर पढ़ा सड़ता रहता है लेकिन अधिकारियों द्वारा कोई समाधान नहीं निकाला जाता और अनावश्यक पेनल्टी मांगी जाती है । उपाध्यक्ष कुलभूषण ने कहा कि यदि कोई एक अधिकारी किसी कारण से जांच के लिए व्यापारी का माल रोकता है तो उसकी जांच दूसरे अधिकारी द्वारा ही की जानी चाहिए और गुण दोष के आधार पर दूसरे अधिकारी द्वारा ही कोई कार्यवाही की जानी चाहिए जो अधिकारी माल को पकड़े वही अधिकारी को माल छोड़ने का अधिकार नहीं होना चाहिए ।
दून उद्योग व्यापार मंडल के कार्यकारी अध्यक्ष सिद्धार्थ अग्रवाल ने कहा, प्रदेश और महानगर के व्यापारी पूरी ईमानदारी से जीएसटी देकर व्यापार करते हैं, लेकिन आज भी अधिकारियों द्वारा उन्हें परेशान किया जाता है कि व्यापारी व्यापार में चोरी न करें, देहरादून शहर के व्यापारियों को ऐसी समस्याओं का सामना करना पड़ेगा। जबकि यहां का व्यापारी पंजीकृत व्यापारी हैऔर ऐसे लोगों को ही परेशान किया जाता है.बुधवार को अधिकारियों को ज्ञापन दिया गया है और अगर जल्द ही इन अधिकारियों को नहीं पकड़ा गया तो बड़ा आंदोलन किया जाएगा. जिसके लिए भविष्य में विभाग स्वयं जिम्मेदार होगा।
जिला अध्यक्ष सुरेंद्र प्रभाकर ने कहा कि जिस तरह से व्यापारियों का उत्पीड़न किया जा रहा है उसका असर आने वाले चुनाव में देखने को मिल सकता है क्योंकि अधिकारियों द्वारा व्यापारियों का उत्पीड़न सत्ता विरोधी लहर पैदा कर रहा है. बातचीत के बाद अपर आयुक्त ने आश्वासन दिया कि वे कल सभी अधिकारियों के साथ बैठक करेंगे और आपकी सभी समस्याओं का समाधान करेंगे.
प्रतिनिधिमंडल में दून उद्योग व्यापार मंडल के जिलाध्यक्ष सुरेंद्र प्रभाकर , गुरभेज सिंह, राजू पूरी, हिमांशु, जगदीश प्रसाद, सतीश मेहता, राजू गुलाटी, मोहित भाटिया, अजय सिंघल, कुल भूषण अग्रवाल, राजेश बडोनी, अजय वाधवा, प्रमोद गुप्ता, अनुज रस्तोगी, राहुल सूद, शिवम मेहता, मनीष बजाज, उमेश मारवाह, चेतन मेहता, देवेंद्र पाल मोंटी, संदीप मुखर्जी, प्रदीप कुमार, आशीष शर्मा, रंजीत सेमवाल, सूरज रावत आदि मौजूद रहे।
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