हलद्वानी: लगातार हो रही बारिश कुमाऊं के जिलों के लिए भी बड़ी मुसीबत खड़ी कर रही है. भूस्खलन ग्रामीणों के लिए परेशानी का सबब बन रहा है। ग्रामीण जान जोखिम में डालकर काठगोदाम-हैड़ाखान मार्ग पर सफर करने को मजबूर हैं। सड़क पर पहाड़ी से लगातार मलबा आने के कारण लोगों को घंटों इंतजार करना पड़ रहा है। इसके बाद भी सड़क पर चलना खतरनाक साबित हो रहा है. मलबा गिरने से बने कीचड़ में रुक-रुक कर वाहन फिसल रहे हैं।

ओखल कांडा के दूरस्थ क्षेत्र में तैनात शिक्षिकाओं पूनम और उषा का कहना है कि उन्हें रोजाना जान जोखिम में डालकर हल्द्वानी से सफर करना पड़ता है। भूस्खलन के कारण पूरी सड़क ध्वस्त हो गई है. बारिश के कारण पहाड़ों से लगातार मलबा सड़क पर गिरने से सड़क काफी फिसलन भरी हो गई है. आधे से ज्यादा सफर पैदल ही तय करना पड़ता है.

चूंकि वर्तमान में कोई वैकल्पिक मार्ग नहीं है, इसलिए पैदल या कार से यात्रा करनी पड़ती है, दोनों ही स्थितियों में पहाड़ी से मलबा और बोल्डर गिरने का खतरा लगातार बना रहता है। आए दिन इस सड़क पर वाहन सवार लोग फंसते नजर आ रहे हैं।

50 हजार की आबादी को जोड़ती है सड़क : 50 हजार की आबादी वाले करीब 200 गांवों की जीवन रेखा कही जाने वाली काठगोदाम-हैड़ाखान सड़क भूस्खलन प्रभावित क्षेत्र में खतरों से भरी है। रोजाना यहां से गुजरने वाले दोपहिया वाहन चालकों के लिए चढ़ाई पार करना मुश्किल हो रहा है। प्रभावित क्षेत्र में दुपहिया वाहन लेकर चढ़ाई पार करने के प्रयास में वाहन चालक लगातार फिसल रहे हैं।

प्रतिदिन सैकड़ों लोग जान जोखिम में डालकर इस सड़क से सफर करते हैं। पिछले अक्टूबर में यहां भूस्खलन हुआ था, तब से स्थिति जस की तस बनी हुई है.

दो जेसीबी और एक पोकलैंड तैनात: भारी बारिश और लगातार भूस्खलन के बीच, भीमताल विधायक राम सिंह कैड़ा का कहना है कि इस मार्ग पर यातायात के सुचारू प्रवाह को सुनिश्चित करने के लिए दो जेसीबी और एक पोकलैंड को 24 घंटे तैनात किया गया है। भारी बारिश के बीच मलबा हटाने का काम लगातार जारी है. वैकल्पिक मार्ग को लेकर दो किलोमीटर तक पूरी तैयारी कर ली गयी है.

उत्तराखंड में इस वक्त लगातार बारिश और भूस्खलन का दौर जारी है। ओखलकांडा-रीठा साहिब की जीवन रेखा कही जाने वाली काठगोदाम-हैड़ाखान सड़क भूस्खलन संभावित स्थल पर खतरों से भरी है। भूस्खलन संभावित क्षेत्र में दोपहिया वाहन फिसल जाते हैं और लोगों को पैदल ही कीचड़ से होकर गुजरना पड़ता है।

तीन महीने का अग्रिम राशन दिया गया: बारिश के कारण भूस्खलन के कारण राष्ट्रीय राजमार्ग बंद होने के मद्देनजर, नैनीताल प्रशासन ने जिले के सबसे संवेदनशील और सीमांत क्षेत्रों में 3 महीने का अग्रिम राशन भेजा है। डीएम का कहना है कि पहाड़ी इलाकों में बारिश के कारण सड़कें क्षतिग्रस्त हो गई हैं। इसीलिए दूरदराज के इलाकों में 3 महीने का राशन एडवांस में दिया गया है. इसलिए समय से पहले राशन उपलब्ध करा दिया गया है।

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