नैनीताल : शादी के बहाने दुष्कर्म मामले में दायर आरोप पत्र और समन आदेश को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई के दौरान हाई कोर्ट की एकल पीठ के न्यायाधीश शरद कुमार शर्मा ने कहा कि कुछ महिलाएं कानून का दुरुपयोग कर रही हैं.

कोर्ट ने कहा कि अक्सर देखा गया है कि महिलाएं पहले अपने पुरुष मित्र के साथ होटल से लेकर कई जगहों पर जाती हैं और फिर मतभेद होने पर इस कानून का दुरुपयोग करती हैं. कोर्ट ने टिप्पणी करते हुए यह भी कहा कि ऐसे झूठे और गलत आरोप लगाने वाली महिलाओं को जेल भेज देना चाहिए.

अदालत ने एक अन्य मामले का हवाला दिया जहां एक युवती ने खुद अपना मामला पेश करते हुए कहा कि उसका पुरुष मित्र उसे शादी के बहाने कई जगहों पर ले गया और उसकी सहमति के बिना शारीरिक संबंध बनाए। कोर्ट ने कहा कि मामला दर्ज होने से पहले 15 साल से शारीरिक संबंध चल रहा था और अब एफआईआर दर्ज की जा रही है.

आखिर क्यों? कोर्ट ने कहा कि ऐसे कई मामले सामने आ रहे हैं जिनमें साफ है कि महिलाएं इस कानून का दुरुपयोग कर रही हैं.

एक मामले में कोर्ट ने कहा कि कई महिलाएं जानती हैं कि उनका पुरुष मित्र पहले से शादीशुदा है, उनके साथ उनका अफेयर है और बाद में शादी का झांसा देकर रेप का केस दर्ज कराती हैं. कोर्ट ने कहा कि जो लड़की ऐसा कर रही है वह परिपक्व और समझदार है. ऐसी कोई बात नहीं है कि लड़की किसी पुरुष के जाल में फंस जाए।

याचिकाकर्ता ने इस संबंध में सुप्रीम कोर्ट के एक फैसले का हवाला देते हुए कहा कि एक मामले में सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट किया है कि किसी वयस्क के साथ सहमति से यौन संबंध बनाना बलात्कार की श्रेणी में नहीं आता है।

देहरादून में दिखेगी शिखर धवन और रिंकू सिंह की बैटिंग, दर्शकों के लिए एंट्री फ्री