टिहरी : साल 2013 की त्रासदी के जख्म आज भी लोगों के जेहन में ताजा हैं. इसका खामियाजा आज भी लोग भुगत रहे हैं।वहीं, टिहरी धनोल्टी विधानसभा के गवांणा-डामणी गांव में 2013 की आपदा में बह गया पुल आज तक नहीं बन पाया है। जिसके कारण स्थानीय लोगों और स्कूली बच्चों को लकड़ी के सहारे घुचु नदी पार करनी पड़ती है. उधर, जिलाधिकारी मयूर दीक्षित ने लोगों की समस्या को देखते हुए जल्द ही पुल का निर्माण कराने की बात कही है।

छोटी सी गलती से जा सकती है जान: गौरतलब है कि धनोल्टी विधानसभा के गवांणा-डामणी गांव के लोगों को हर दिन ऐसे ही सफर करना पड़ता है, जहां एक छोटी सी गलती भी जान पर बन सकती है. स्थानीय लोगों का कहना है कि पुल निर्माण के लिए जिम्मेदार अधिकारियों व जन प्रतिनिधियों से कई बार गुहार लगाई गई, लेकिन इस पर गंभीरता से ध्यान नहीं दिया गया. जिसका खामियाजा ग्रामीणों को भुगतना पड़ रहा है। बरसात के मौसम में स्थिति और भी गंभीर हो जाती है।

जिलाधिकारी ने दिया आदेश : घुचु नदी पार करने के लिए लोगों को जान जोखिम में डालना पड़ता है. ग्रामीणों का कहना है कि पुल की मांग कब पूरी होगी, कुछ कहा नहीं जा सकता. कामचलाऊ पुल कभी भी हादसे का कारण बन सकता है। मामले को संज्ञान में लेते हुए टिहरी के नवनियुक्त जिलाधिकारी मयूर दीक्षित ने धनोल्टी के उप जिलाधिकारी धनोल्टी से बात की.साथ ही उप जिलाधिकारी को मौके पर जाकर पुल का प्रस्ताव भेजने का निर्देश दिया है। ताकि जिला योजना से शीघ्र पुल का निर्माण कराया जा सके।

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