देहरादून: एकता विहार में बर्खास्त आउटसोर्स कर्मचारी अनिश्चितकालीन धरने पर बैठे हैं. स्वास्थ्य विभाग में रिक्त पदों पर बहाली नहीं होने पर आंदोलनरत कोविड कर्मचारियों ने सरकार के खिलाफ अपना गुस्सा जाहिर किया है. उनका कहना है कि सरकार उन कर्मचारियों को सेवा विस्तार नहीं दे रही है जो कोरोना काल में कार्यरत थे, जब उन्होंने कोरोना काल में अपनी जान की परवाह किए बिना मरीजों की सेवा की थी, लेकिन कोरोना का प्रकोप कम होते ही सरकार ने उन्हें बाहर कर दिया.
उधम सिंह नगर के सरकारी अस्पताल में तैनात आउटसोर्स कर्मचारी रामनिवास का कहना है कि आउटसोर्सिंग कर्मचारी पिछले 26 दिनों से सेवाएं बढ़ाने की मांग को लेकर हड़ताल पर हैं, लेकिन सरकार उन्हें सिर्फ आश्वासन दे रही है. उन्होंने कहा कि वे अपनी मांगों को लेकर स्वास्थ्य मंत्री और मुख्यमंत्री से चर्चा कर चुके हैं, लेकिन आज तक उनकी मांगों का समाधान नहीं हुआ है.

कोरोना काल में सरकार ने कोरोना वॉरियर्स के काम की सराहना की, लेकिन कोरोना का प्रकोप कम होते ही उन्हें नौकरी से हटा दिया गया. जिसके बाद उनके सामने आर्थिक संकट खड़ा हो गया है और उन्हें परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.
उत्तराखंड के समस्त कोविड-19 कार्मिक संघ के चमोली जिला अध्यक्ष संतोष राणा का कहना है कि कोविड काल के दौरान विभिन्न सरकारी अस्पतालों और सरकारी मेडिकल कॉलेजों में आउटसोर्स के माध्यम से विभिन्न पदों पर कर्मचारियों की नियुक्ति की गई, जिन्होंने अपनी पूरी निष्ठा के साथ काम किया. महामारी के दौरान सरकार के साथ कंधे से कंधा मिलाकर 3 साल का कार्यकाल पूरा किया, लेकिन सरकार ने 15 मार्च 2023 को एक बार फिर कर्मचारियों की सेवा समाप्त कर दी। इसके बाद से सभी कर्मचारी बेरोजगार हो गये हैं.
उन्होंने कहा कि सरकार ने कुछ आउटसोर्सिंग कर्मचारियों को डाटा एंट्री ऑपरेटर, लैब टेक्नीशियन, फार्मासिस्ट, चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी, स्टाफ नर्स के पदों पर समायोजित किया है. इसके बाद भी करीब 600 कर्मचारियों का समायोजन नहीं हो सका है। सरकार की ओर से उन्हें सेवा बहाल करने का झूठा आश्वासन दिया जा रहा है. जिसके चलते उन्हें आंदोलन करने पर मजबूर होना पड़ रहा है।
आउटसोर्सिंग कर्मचारियों ने सरकार को चेतावनी दी है कि अगर उन्हें स्वास्थ्य विभाग में रिक्त पदों पर जगह नहीं दी गई तो वे विभिन्न सामाजिक संगठनों के सहयोग से स्वास्थ्य मंत्री धनसिंह रावत के आवास का घेराव करने को मजबूर होंगे.

                                        
                                        
                                        
                                        
                                
                                                    
                                                    
                                                    

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