देहरादून : खाद्य पदार्थों की कीमतों में बढ़ोतरी से जुलाई महीने में खुदरा महंगाई दर में तेज बढ़ोतरी हो सकती है। यह पिछले महीने की तुलना में 1.90 फीसदी से बढ़कर 6.7 फीसदी हो सकती है. एक विदेशी बैंक के अर्थशास्त्रियों ने यह भविष्यवाणी की है. डॉयचे बैंक इंडिया के अर्थशास्त्रियों ने सोमवार को एक रिपोर्ट में कहा कि जुलाई महीने के लिए उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति जून के 4.8 प्रतिशत से बढ़कर 6.7 प्रतिशत हो सकती है।
आरबीआई 10 अगस्त को रेपो रेट का ऐलान करेगा
बैंक के मुख्य अर्थशास्त्री कौशिक दास के नेतृत्व में अर्थशास्त्रियों की रिपोर्ट जुलाई में आने वाले मुद्रास्फीति के आंकड़ों और भारतीय रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समीक्षा से पहले आई है। रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति की बैठक मंगलवार से शुरू हो रही है और 10 अगस्त को मौद्रिक नीति समीक्षा की घोषणा की जाएगी।

जुलाई में टमाटर की कीमतों में 236.1 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है
22 खाद्य पदार्थों की कीमतों में 12.3 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है.
विशेषज्ञों का मानना है कि आरबीआई इस बार भी द्विमासिक मौद्रिक नीति समीक्षा में नीतिगत दर को अपरिवर्तित रख सकता है। पिछली दो समीक्षाओं में नीतिगत दरों में कोई बढ़ोतरी नहीं हुई है. रिपोर्ट के मुताबिक, महंगाई बढ़ने की वजह टमाटर और प्याज की अगुवाई में खाद्य पदार्थों की कीमतों में बढ़ोतरी है। इसके साथ ही चावल की कीमत में भी बढ़ोतरी हुई है. 22 आवश्यक खाद्य पदार्थों की दैनिक कीमतों में 12.3 प्रतिशत की वृद्धि हुई, जबकि जून में औसत वृद्धि 2.4 प्रतिशत थी।
टमाटर की कीमत में 236 फीसदी का इजाफा हुआ है
प्रमुख सब्जियों में टमाटर की कीमतें जुलाई में 236.1 प्रतिशत बढ़ीं, जबकि जुलाई में यह 38 प्रतिशत बढ़ी थीं। वहीं, प्याज की कीमतों में 4.2 फीसदी की तुलना में 15.8 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है. आलू की कीमतें जुलाई में 9.3 फीसदी बढ़ीं, जबकि जून में यह 5.7 फीसदी थीं.
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