रुद्रप्रयाग : उत्तराखंड में लगातार हो रही बारिश ने कहर बरपा रखा है. सामान्य जन जीवन पूरी तरह अस्त-व्यस्त हो गया है. वहीं भारी बारिश को देखते हुए राज्य सरकार ने चारधाम यात्रा आज से 15 अगस्त तक रोक दी है. इसके साथ ही प्रशासन के अधिकारियों को चारधाम यात्रियों के लिए उपयुक्त स्थानों पर अस्थायी व्यवस्था करने के निर्देश दिए गए हैं. उधर, केदारनाथ धाम में बारिश ने भारी तबाही मचाई है. यहां बादल फटने से हुई तबाही के बाद एक नेपाली व्यक्ति की मौत हो गई है जबकि एक व्यापारी लापता है।
इसके साथ ही रुद्रप्रयाग जिले में बहने वाली अलकनंदा और मंदाकिनी नदियों में भी उफान आ गया है. दोनों नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं. केदारनाथ पैदल यात्री मार्ग पर छानी कैंप और बड़ी लिनचोली में कल देर रात भारी बारिश के कारण नाले उफान पर आ गए, जिससे कई दुकानें ढह गईं और मलबा कई घरों और दुकानों में घुस गया।

इसी दौरान टेंट कॉलोनी में भी पत्थर गिरे और टेंट के अंदर सो रहा नेपाली परिवार बोल्डर की चपेट में आ गया. बचाव दल ने तीन नेपालियों को सुरक्षित बचा लिया, लेकिन एक नेपाली की मौके पर ही मौत हो गई.
इस घटना में एक कारोबारी भी लापता है. जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी नंदन सिंह रजवार ने बताया कि मौजूदा हालात को देखते हुए प्रशासन ने केदारनाथ यात्रा रोक दी है. कई स्थानों पर पैदल मार्ग बंद हैं, जिन्हें खोलने का प्रयास किया जा रहा है। इसके साथ ही रुद्रप्रयाग जिले में बहने वाली अलकनंदा और मंदाकिनी नदियों में भी उफान आ गया है. दोनों नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं.रुद्रप्रयाग में अलकनंदा नदी का पानी रिहायशी घरों में घुस गया है. बेलणी का हनुमान मंदिर भी डूब गया है.
वहीं मंदाकिनी नदी ने केदारनाथ हाईवे और कई अन्य मोटरमार्गों को घेर लिया है. बता दें कि अलकनंदा नदी का पानी कई रिहायशी घरों में घुस गया था और लोगों को रात में ही घर खाली करने पड़े.
रुद्रप्रयाग में अलकनंदा नदी के तट पर स्थित हनुमान मंदिर में पानी घुसने से मंदिर में रखा सामान बह गया. इसके साथ ही मूर्ति भी मलबे में डूब गई। सुबह करीब 4 बजे हनुमान मंदिर में मौजूद साधुओं के पैरों तक पानी पहुंचने से
उनके होश उड़ । जिसके बाद उन्होंने स्थानीय लोगों को फोन कर जानकारी दी. स्थानीय लोग मौके पर पहुंचे और हनुमान की मूर्ति को सुरक्षित स्थान पर रख दिया, जबकि घर के अंदर रखा सारा सामान बह गया.
फिलहाल आफत की बारिश जारी है. अलकनंदा का जलस्तर 628.80 और मंदाकिनी का जलस्तर 627.80 है। दोनों नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं. खतरे में पड़े परिवारों को सुरक्षित स्थानों पर भेज दिया गया है.


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