नैनबाग टिहरी गढ़वाल :
बीस करोड़ की लागत से बनी लालूर पंम्पिंग पेयजल के बाबजूद भी पानी के लिए तरस रहे है लालूर छेत्र के लोग, अनिल कैंतुरा छेत्र पंचायत सदस्य, विरोड बताते है की लालूर पेयजल पंम्पिंग योजना के अन्तर्गत यमुना नदी मुख्य पम्प हाउस में 4 पम्प लगवाए गए हैं ताकि एक खराब हो जाए तो दूसरा तथा दूसरा खराब हो जाए तो तीसरा और अगर तीसरा भी खराब हो जाए तो चौथा पम्प पानी चढ़ाने का काम करेगा जो कि बारी बारी से प्रयोग मे आए और जनता को पेयजल संकट से न जूझना पड़े। तो अब क्या चारों पम्प खराब है। यदि चारों खराब है तो समय रहते ठीक क्यों नहीं करवाए गए। और विभाग को भी पता है कि गर्मी का समय आ रहा है तो समय पर ठीक करवा लें,और इस बार तो भीषण गर्मी ने सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए ।

क्या विभाग और अधिकारी, कर्मचारी लालूर पट्टी की पेयजल समस्या हेतू लापरवाह है? जबकि इस योजना के अन्तर्गत संचालन हेतू कई अधिकारी,कर्मचारी रखे गए हैं। उन्होंने आरोप लगाए है की सब केवल तनख्वाह लेकर मस्त है। इतनी बड़ी करोड़ों की योजना होने के वावजूद टैंकरों से पानी ढ़ोना पड़ रहा है।और जल जीवन मिशन के अन्तर्गत तो अरबों रुपए खर्च किए गए हैं लेकिन नल है पर जल नहीं है। जब बड़े-बड़े शहरों मसूरी, टिहरी,अल्मोड़ा तथा देहरादून आदि शहरों मे जहां की जनसंख्या कि लालूर पट्टी से कई गुना ज्यादा है पंम्पिंग से ही जलापूर्ति हो है तो यहां इतनी क्या दिक्कत आ गई है,सोचनीय। मीडिया और आम जनमानस को इसके लिए आगे आने की जरूरत है।

फिलहाल टैंकरों द्वारा पानी के सप्लाई की जा रही है। पर छेत्रवासियो का आरोप है की एक टैंकर से क्या होगा, वो भी कई दिनों में आता है।
अगर समय रहते हुए पम्पो की मरम्त की गई होती तो सायदा पानी का संकट न गहराता।
J.E. जल संस्थान श्री अरविन्द सजवाण द्वारा अवगत कराया गया है की यमुना नदी से जो पम्प है वो सही काम कर रहे है बस खराबी स्टेशन तीन में है जो की असाड़ थात से ऊपर है और वो आजकल में ठीक कर दी जाएगी। उन्होंने बताया की पानी की समस्या खली एक तो गांव में।