टिहरी गढ़वाल: राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (सेवानिवृत्त) ने सोमवार को नरेंद्र नगर तिहरी में आयोजित जी20 इन्फ्रास्ट्रक्चर वर्किंग ग्रुप की बैठक में सभी प्रतिनिधियों का स्वागत करते हुए कहा कि जी-20 अध्यक्ष के रूप में भारत की गौरवपूर्ण यात्रा सुचारू, सुचारु और कुशलतापूर्वक आगे बढ़ रही है।

राज्यपाल ने कहा कि बुनियादी ढांचा एक महत्वपूर्ण तत्व है जो हर समाज की प्रगति के लिए आवश्यक है।एक विकासशील और मजबूत बुनियादी ढांचा किसी राष्ट्र के आर्थिक और सामाजिक विकास को सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। समिति जी-20 देशों के बीच बुनियादी ढांचे के विभिन्न पहलुओं पर विचार-मंथन और सहयोग को बढ़ावा देने के लिए एक महत्वपूर्ण मंच प्रदान करती है। राज्य में विकास कार्य करने के साथ-साथ जल, जंगल और जमीन के संरक्षण तथा जनभागीदारी सुनिश्चित करने का भी प्रयास किया गया है।

राज्यपाल ने कहा कि सरकार ने “स्मार्ट सिटी” और “वाइब्रेंट विलेज” जैसी योजनाएं शुरू की हैं। जबकि “स्मार्ट सिटी योजना” शहरों को आधुनिक, सुरक्षित और सामंजस्यपूर्ण बनाने के लिए हाई-टेक और बुद्धिमान समाधानों का उपयोग करके शहरों को सशक्त, सुरक्षित, पर्यावरण-अनुकूल बनाने की एक पहल है।वहीं, “वाइब्रेंट विलेज स्कीम” ग्रामीण क्षेत्रों में विकास को मजबूत करने के लिए सरकारी वित्तीय सहायता, संसाधनों की उपलब्धता और प्रशासनिक सहायता प्रदान करती है। इसका मुख्य उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में समृद्धि, आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देना और ग्रामीण-शहरी अंतर को कम करना है।

उन्होंने कहा कि सरकार गांवों को बुनियादी सुविधाओं से जोड़ने के लिए प्रतिबद्ध है ताकि शहरी क्षेत्रों पर अधिक बोझ न पड़े, हर घर नल, हर नल जल, नमामि गंगे जैसी योजनाएं सभी को स्वच्छ पेयजल तक पहुंच सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। हर व्यक्ति को पीने का स्वच्छ पानी मिले इसके लिए ‘‘हर घर नल, हर नल जल’’ जैसी योजनाएँ, नमामि गंगे योजना के अंतर्गत विभिन्न स्तरों में बने वाटर ट्रीट्मेन्ट संयत्रों के उपयोग से अब नदियों में दूषित जल प्रवाहित नहीं हो रहा है।

राज्यपाल ने कहा कि केंद्र सरकार के व्यापक सहयोग से उत्तराखंड ने पर्यटन, परिवहन, विद्युत आपूर्ति आदि क्षेत्रों में प्रगति की है और अब हम इसे नई ऊंचाइयों पर ले जाने के लिए तैयार हैं। विश्व स्तरीय “ऑल वेदर रोड” परियोजना के निर्माण से यहां आने वाले श्रद्धालुओं को भी अनेक सुविधाएं मिली हैं, एक विशाल आधुनिक एवं सुरक्षित परिवहन नेटवर्क के विकास से यातायात सुगम हो रहा है।आने वाले समय में “ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल लाइन” का कार्य पूर्ण होने पर पहाड़ पर भी रेल के माध्यम से यात्रा करने का सपना पूरा हो जाएगा। राज्यपाल ने विश्वास जताया कि इस महत्वपूर्ण बैठक से एक व्यापक और व्यावहारिक योजना तैयार होगी जो इंफ्रास्ट्रक्चर विकास को आगे बढ़ाने में मदद करेगी।

वहीं, विदेशी मेहमानों के लिए आयोजित रात्रिभोज के मौके पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने विदेशी मेहमानों का स्वागत किया.

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने विदेशी मेहमानों का स्वागत करते हुए कहा कि किसी भी देश के विकास का पैमाना उस देश के बुनियादी ढांचे से तय होता है, यही उस देश का वर्तमान और भविष्य भी तय करता है. इन्फ्रास्ट्रक्चर सिर्फ रेल, रोप-वे, सड़क आदि बनाने का पर्याय नहीं है, बल्कि इन्फ्रास्ट्रक्चर का असली उद्देश्य आम आदमी की समस्याओं को कम करना और उसके जीवन को आसान, सरल और सुरक्षित बनाना है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि पहाड़ी भौगोलिक स्थिति वाले राज्य का बुनियादी ढांचा मैदानी इलाकों की तुलना में अधिक कठिन है, क्योंकि पहाड़ी राज्य की पारिस्थितिकी और अर्थव्यवस्था दोनों प्राकृतिक संसाधनों पर निर्भर हैं और कभी-कभी बुनियादी ढांचे में भी ऐसी स्थितियां उत्पन्न हो जाती हैं, जिनमें शामिल हैं वनों, प्रकृति एवं पर्यावरण को क्षति पहुँचती है।

सोमवार को नरेंद्र नगर ऋषिकेश में जी-20 काउंसिल की तीसरी बैठक के अवसर पर आयोजित सांस्कृतिक संध्या एवं संवाद कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि हमारा राज्य उत्तराखंड विश्व की सबसे बड़ी पर्वत श्रृंखला हिमालय की गोद में स्थित है। जिसे “देवभूमि” के नाम से जाना जाता है।जहां यह एक ओर हरिद्वार-ऋषिकेश, गंगोत्री-यमुनोत्री, केदारनाथ, बद्रीनाथ, जागेश्वर, पूर्णागिरि जैसे पौराणिक, आध्यात्मिक, धार्मिक एवं सांस्कृतिक केन्द्रों की पवित्र भूमि है, वहीं गंगा, यमुना, अलकनंदा सहित कई महान नदियों का उद्गम स्थल भी है। हमारा राज्य योग, आयुर्वेद, ध्यान का एक वैश्विक केंद्र होने के साथ-साथ प्राचीन भारतीय सभ्यता का प्रतीक भी है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि इस वर्ष के जी-20 का विषय एक पृथ्वी, एक परिवार और एक भविष्य है, जो मूल रूप से भारतीय संस्कृति द्वारा विश्व को दिये गये “वसुधैव कुटुम्पकम्” के सिद्धांत पर आधारित है, जिसका अर्थ है “संपूर्ण विश्व एक एक परिवार. “. मुख्यमंत्री ने कहा कि जी-20 की यह विशेष इंफ्रास्ट्रक्चर वर्किंग ग्रुप की बैठक हमारी सनातन सभ्यता की इस मूल अवधारणा को विकसित और पल्लवित करने में सहायक सिद्ध होगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि देवभूमि उत्तराखंड में आयोजित जी-20 सम्मेलन की इस बैठक में साझा किये जा रहे अनुभव एवं विचार सम्पूर्ण वैश्विक मानवता के कल्याण, विकास एवं समृद्धि का मार्ग प्रशस्त करेंगे तथा ”वसुधैव कुटुम्पकम्” की भावना को और अधिक मजबूत करेंगे तथा आप सभी को यहां की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत से परिचित होने का भी अवसर प्रदान करने में सहायक होगा।

मुख्यमंत्री ने जी-20 की तीसरी बैठक में आये विशिष्ट प्रतिनिधियों का उत्तराखंड की सवा करोड़ जनता की ओर से स्वागत एवं अभिनंदन करते हुए कहा कि आप सभी को यहां एक यादगार अनुभव होगा। इसके साथ ही मुलाकात के दौरान आप सभी को प्रकृति की गोद में बसे उत्तराखंड के सुरम्य स्थलों का भ्रमण करने और प्रचुर उत्तराखंडी व्यंजनों का लुत्फ उठाने का भी मौका मिलेगा।

इस अवसर पर सांसद नरेश बंसल, माला राज्य लक्ष्मी शाह, विधायक विनोद कंडारी सहित प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी एवं अन्य गणमान्य उपस्थित थे।

उत्तराखंड: वन भूमि पर बने स्कूल को इको हट्स स्कूल में बदला जाएगा, शिक्षा के नाम पर सब कुछ