आज का समाज तेजी से बदल रहा है। जिस तरह तकनीक, शिक्षा और जीवन शैली में नए-नए बदलाव आ रहे हैं, उसी तरह युवाओं की सोच और दिशा भी बदल रही है। लेकिन इन परिवर्तनों के बीच एक बड़ा सवाल खड़ा हो रहा है—क्यों आज की युवा पीढ़ी राजनीति की ओर इतनी तेजी से आकर्षित हो रही है, और क्यों उनमें से कुछ गलत रास्तों पर भी चल पड़ते हैं?

राजनीति—सपनों का शॉर्टकट या संघर्ष का मैदान?

राजनीति मूल रूप से समाज सेवा का माध्यम है। इसका उद्देश्य जनता की समस्याओं को समझकर उनके समाधान के लिए काम करना होता है। लेकिन आज की पीढ़ी राजनीति को एक “शॉर्टकट टू सक्सेस” मानने लगी है।
कई युवा सोचते हैं कि अगर राजनीति में कदम रखा जाए तो

  1. महंगी गाड़ियाँ ????
  2. आलीशान बंगले ????
  3. भीड़ में पहचान ✨
  4. और पावर का अहसास ????
    —ये सब बिना ज्यादा संघर्ष के हासिल किया जा सकता है।

इस सोच को हवा देने में हमारे समाज की कुछ बड़ी हस्तियों का भी योगदान है। जब कोई नेता भ्रष्टाचार करके भी ऐशो-आराम की जिंदगी जीता है और समाज में सम्मान पाता है, तो युवा मान लेते हैं कि यही सफलता का असली रास्ता है।

लक्ज़री लाइफस्टाइल का जाल

आज का दौर “सोशल मीडिया शो-ऑफ” का है। इंस्टाग्राम, फेसबुक और यूट्यूब ने एक ऐसी दुनिया बना दी है जहाँ दिखावा असली मेहनत से ज्यादा महत्व रखता है।
• अगर किसी के पास बड़ी गाड़ी है, तो वो “सफल” कहलाता है।
• अगर कोई महंगे कपड़े पहनता है, तो वो “स्टाइलिश” माना जाता है।
• अगर किसी के पास पैसे की कमी नहीं है, तो उसे “रोल मॉडल” बना दिया जाता है।

इसी दिखावे के चक्कर में युवा राजनीति की ओर खिंचे चले आते हैं। उन्हें लगता है कि नौकरी या बिज़नेस में सालों लगेंगे, लेकिन राजनीति में जाकर शॉर्टकट से सब मिल जाएगा।

राजनीति से अपराध की ओर झुकाव

राजनीति की असली तस्वीर उतनी आसान नहीं है जितनी दिखाई देती है। जब युवा राजनीति में आते हैं तो शुरुआत में उन्हें भीड़ जुटाने, पोस्टर लगाने या नेता की रैली में काम करने का मौका मिलता है। धीरे-धीरे वे “पावर गेम” को समझने लगते हैं।
कई बार यह पावर उन्हें गलत रास्तों की ओर धकेल देती है—

  1. विरोधियों को डराना-धमकाना।
  2. अपने नेता की ताकत दिखाने के लिए झगड़े-फसाद करना।
  3. आसान पैसे कमाने के लिए गलत धंधों में शामिल होना।

इस तरह राजनीति और अपराध का रिश्ता गहराता चला जाता है।

काल्पनिक दुनिया में जीना

जब कोई युवा इस रास्ते पर चलता है, तो वो सच और झूठ, सही और गलत के बीच का फर्क भूल जाता है।
• उसका मकसद सिर्फ अपनी जरूरतें और शौक पूरे करना रह जाता है।
• धीरे-धीरे वो एक काल्पनिक दुनिया में जीने लगता है जहाँ सिर्फ शोहरत और पावर ही सब कुछ लगती है।
• वो सोचता है कि उसका सोशल स्टेटस ही उसकी असली पहचान है।

लेकिन हकीकत यह है कि ये सब क्षणिक है। एक बार अगर अपराध के दलदल में फँस गए तो बाहर निकलना लगभग असंभव हो जाता है।

क्या राजनीति बुरी है?

यहाँ एक बात साफ़ करनी ज़रूरी है—राजनीति बुरी नहीं है, बल्कि लोग इसे बुरा बना देते हैं।
• राजनीति वह साधन है जिसके जरिए समाज को नई दिशा दी जा सकती है।
• राजनीति ही वह क्षेत्र है जहाँ अच्छे नेता जनता की जिंदगी बदल सकते हैं।
• लेकिन जब राजनीति का इस्तेमाल व्यक्तिगत स्वार्थ और अपराध के लिए होने लगता है, तब यह समाज के लिए खतरा बन जाती है।

युवाओं को क्यों बदलनी होगी सोच?

आज का युवा अगर सच में राजनीति में आना चाहता है तो उसे यह समझना होगा कि राजनीति कोई आसान रास्ता नहीं है।

  1. राजनीति में असली सफलता सेवा से मिलती है, न कि शॉर्टकट से।
  2. अगर कोई सच में जनता का विश्वास जीतना चाहता है, तो उसे संघर्ष और त्याग करना पड़ेगा।
  3. सोशल मीडिया पर दिखावे से ज्यादा ज़रूरी है कि युवा अपने काम से पहचाने जाएँ।

राजनीति में सकारात्मक रोल मॉडल

इतिहास गवाह है कि जब-जब युवाओं ने राजनीति को सही दिशा में अपनाया है, तब-तब समाज में बदलाव आया है।
• भगत सिंह, चंद्रशेखर आज़ाद जैसे युवा क्रांतिकारियों ने देश की आज़ादी के लिए राजनीति को एक हथियार बनाया।
• आधुनिक दौर में भी कई ऐसे नेता हैं जिन्होंने ईमानदारी और सेवा के बल पर राजनीति में पहचान बनाई।

युवा पीढ़ी को इन्हीं उदाहरणों से प्रेरणा लेनी चाहिए, न कि उन नेताओं से जो सिर्फ अपनी जेबें भरने और सत्ता का मज़ा लेने में लगे है

उपेन्द्र सिंह रावत