टिहरी। लाखवाड़ बांध परियोजना से प्रभावित किसान और ग्रामीण अपनी मांगों को लेकर 24 अक्तूबर 2025 से लखवाड़ बांध प्रभावित काश्तकार संयुक्त संघर्ष मोर्चा के नेतृत्व में लोहारी (कूणा गांव) में अनिश्चितकालीन धरना दे रहे हैं। प्रभावित काश्तकारों का कहना है कि वे पिछले कई दिनों से उचित मुआवजा, पुनर्वास और आजीविका सुरक्षा से जुड़े मसलों के समाधान की प्रतीक्षा कर रहे हैं।

धरना स्थल पर मौजूद ग्रामीणों का आरोप है कि परियोजना से जुड़े प्रशासनिक प्रभारी—ADM देहरादून और ADM टिहरी—अब तक मौके पर नहीं पहुंचे हैं। प्रदर्शनकारियों का कहना है कि बार-बार आग्रह के बावजूद अधिकारी संवाद के लिए आगे नहीं आए, जिससे लोगों में निराशा बढ़ रही है।

ग्रामीणों ने बताया कि बांध परियोजना के चलते कई परिवार विस्थापन की स्थिति में पहुंच गए हैं और भूमि अधिग्रहण से जुड़े मामलों का निपटारा समय पर न होने से असुरक्षा की भावना गहरा रही है। उनका कहना है कि वे केवल लिखित आश्वासन नहीं, बल्कि ठोस और जल्द कार्रवाई की उम्मीद कर रहे हैं।

संयुक्त संघर्ष मोर्चा ने चेतावनी दी है कि यदि समय रहते बातचीत शुरू नहीं की गई, तो आंदोलन और व्यापक रूप ले सकता है। प्रदर्शनकारियों ने राज्य सरकार से अपील की है कि किसानों और प्रभावित परिवारों से सीधे संवाद कर उनकी समस्याओं का स्थायी समाधान निकाला जाए।

बांध परियोजना से जुड़े मुद्दों पर सरकार और प्रशासन की ओर से अभी तक कोई औपचारिक बयान जारी नहीं किया गया है।