नई दिल्ली: मोदी उपनाम मानहानि मामले में आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई. कोर्ट ने इस मामले में गुजरात सरकार और याचिकाकर्ता पूर्णेश मोदी के खिलाफ नोटिस जारी किया है. इस नोटिस का जवाब 10 दिन के अंदर देना होगा. वहीं, कोर्ट मामले की अगली सुनवाई 4 अगस्त को होगी. बता दें कि याचिकाकर्ता पूर्णेश मोदी ने जवाब देने के लिए 21 दिन का समय मांगा था.

सुनवाई जस्टिस बी आर गवई और जस्टिस पीके मिश्रा की बेंच में सुनवाई हुई. राहुल गांधी की ओर से पेश वरिष्ठ वकील अभिषेक सिंघवी ने 18 जुलाई को मामले का उल्लेख किया और याचिका पर तत्काल सुनवाई की मांग की, जिसके बाद मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ याचिका पर सुनवाई के लिए सहमत हो गई।

गांधी ने अपनी याचिका में कहा है कि अगर 7 जुलाई के आदेश पर रोक नहीं लगाई गई तो यह स्वतंत्र भाषण, स्वतंत्र अभिव्यक्ति, स्वतंत्र विचार और स्वतंत्र अभिव्यक्ति को दबा देगा। 13 अप्रैल, 2019 को कर्नाटक के कोलार में एक चुनावी रैली के दौरान राहुल गांधी ने टिप्पणी की थी कि सभी चोरों का उपनाम मोदी क्यों होता है? 2019 में, टिप्पणी को लेकर गुजरात सरकार के पूर्व मंत्री पूर्णेश मोदी द्वारा गांधी के खिलाफ आपराधिक मानहानि का मामला दायर किया गया था।

राहुल गांधी ने अपनी याचिका में कहा कि अगर हाई कोर्ट के फैसले पर रोक नहीं लगाई गई तो यह व्यवस्थित रूप से, बार-बार लोकतांत्रिक संस्थानों को कमजोर करेगा और इसके परिणामस्वरूप लोकतंत्र का दम घुट जाएगा, जो भारत के राजनीतिक माहौल और भविष्य के लिए बुरा है।

गांधी ने कहा कि आपराधिक मानहानि के इस मामले में अप्रत्याशित रूप से अधिकतम दो साल की सजा दी गई, जो अपने आप में दुर्लभ है।

सूरत मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट की अदालत ने 23 मार्च को राहुल गांधी को भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 499 और 500 (आपराधिक मानहानि) के तहत दोषी ठहराया और दो साल जेल की सजा सुनाई। इस मामले में फैसले के बाद, राहुल गांधी को जन प्रतिनिधित्व अधिनियम के प्रावधानों के तहत संसद की सदस्यता से अयोग्य घोषित कर दिया गया था। राहुल गांधी 2019 में केरल के वायनाड से लोकसभा के लिए चुने गए।

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