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रामलीला मैदान (आजाद मैदान) बचाओ संघर्ष समिति के बैनर तले विभिन्न संगठनों की महापंचायत हुई। सभी संगठनों ने रामलीला मैदान को अतिक्रमणमुक्त तथा खेल व संस्कृति गतिविधि के लिए आरक्षित करने की वकालत की। इसको लेकर संघर्ष समिति ने जिलाधिकारी मयूर दीक्षित को ज्ञापन भी दिया। साथ ही चेतावनी दी कि अगर उनकी मांगों पर प्रशासन और पालिका ने समय पर निर्णय नहीं लिया तो 25 अगस्त से संघर्ष समिति के पदाधिकारी आमरण अनशन करेंगे।
रामलीला मैदान बचाओ संघर्ष समिति ने कुछ दिन पहले 9 अगस्त को बैठक करने का ऐलान किया था, जिसमें व्यापार मंडल, होटल एसोसिएशन, सांस्कृतिक संगठन, खेल प्रेमी, ओम छात्र संगठन सहित राजनीतिक दलों के पदाधिकारी भी शामिल हुए। हनुमान चौक में आयोजित बैठक में वक्ताओं ने कहा कि रामलीला मैदान का स्वर्णिम इतिहास रहा है। यह मैदान कभी खेल गतिविधियों का प्रमुख केंद्र रहा। लेकिन, वर्तमान में पार्किंग, कीचड़ और अतिक्रमण की मार झेल रहा है, जिससे मैदान की स्थिति बिगड़ती गई है। इसलिए मैदान का पूरी तरह से वाणिज्यिक उपयोग बंद होना जरूरी है।
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