कैम्पटी:

यमुना नदी पर निर्माणाधीन 300 मेगावाट लखवाड़ बांध परियोजना को लेकर प्रभावित ग्रामीणों का विरोध लगातार जारी है। ग्राम पंचायत पाली के अंतर्गत कूणा गांव के निकट बांध कार्यस्थल पर लखवाड़ बांध प्रभावित संयुक्त संघर्ष मोर्चा के बैनर तले चौथे दिन भी धरना-प्रदर्शन जारी रहा।

इस दौरान जौनपुर और जौनसार क्षेत्र के सैकड़ों प्रभावित काश्तकारों और बेरोजगार युवाओं ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया और सरकार व निर्माण कंपनी एलएनटी के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। प्रदर्शनकारियों ने अपनी 22 सूत्रीय मांगों को लेकर आंदोलन को और तेज करने की चेतावनी दी है।

धरना स्थल पर एलएनटी कंपनी का कार्य दो दिन से पूरी तरह ठप पड़ा है। प्रदर्शनकारियों का कहना है कि जब तक उनकी मांगों पर ठोस कार्रवाई नहीं होती, तब तक आंदोलन जारी रहेगा।

धरना-प्रदर्शन के चौथे दिन जौनपुर ब्लॉक प्रमुख सीता पंवार सहित कई स्थानीय ग्राम प्रधानों और जनप्रतिनिधियों ने पहुंचकर संघर्ष समिति को समर्थन दिया। उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा बांध प्रभावित काश्तकारों और बेरोजगार युवाओं की जो अनदेखी की जा रही है, वह अस्वीकार्य है।

इस बीच, धनोल्टी की उपजिलाधिकारी मंजू राजपूत और नैनबाग के तहसीलदार निशांत कांबोज भी स्थल पर पहुंचे, लेकिन प्रभावितों की मांगों पर कोई ठोस समाधान न निकल पाने के कारण उन्हें लौटना पड़ा।

धरना स्थल पर लखवाड़ बांध संघर्ष समिति के अध्यक्ष वीरेन्द्र सिंह रावत, दिग्विजय सिंह, संयोजक महिपाल सजवाण, ब्लॉक प्रमुख सीता पंवार, प्रधान प्रदीप कवि, सुंदर सिंह चौहान, श्वेता राणा, कुसुम रावत, सुनीता पंवार, कविता रौछेला, प्रेम सिंह रावत, राम सिंह रावत, अनिल पंवार, सुरेश रावत, जगत लाल डोगरा, संदीप चौहान, विजय प्रताप सिंह, रामचंद्र रावत, राकेश राणा, अरविंद राणा, कमल रावत, अनूप थपलियाल, सुरेंद्र सजवाण, प्रवेश राणा, चतर सिंह चौहान, नागेंद्र रावत, संदीप तोमर, सूरत सिंह, विक्रम राणा, मनीष गौतम, दीपक रावत, कैलाश रावत, संदीप रावत, रविंद्र सिंह सहित सैकड़ों प्रभावित किसान, बेरोजगार युवा और स्थानीय जनप्रतिनिधि मौजूद रहे।