नागपुर में पांच बच्चे अब भी जिंदगी और मौत की जंग लड़ रहे, परिजन अस्पतालों में डटे हुए
छिंदवाड़ा। मध्य प्रदेश में कफ सिरप से बच्चों की मौत का सिलसिला लगातार बढ़ता जा रहा है। पिछले 24 घंटों में तीन और मासूमों की मौत होने के बाद मृतकों की संख्या 20 तक पहुंच गई है। छिंदवाड़ा, पांढुर्ना और बैतूल में इस त्रासदी ने पूरे इलाके को शोक में डाल दिया है। पांच बच्चे अभी भी नागपुर के अस्पतालों में जिंदगी और मौत के बीच जूझ रहे हैं। राज्य सरकार ने तुरंत कार्रवाई करते हुए सिरप बनाने वाली कंपनी के मालिक की गिरफ्तारी के लिए टीम चेन्नई और कांचीपुरम भेज दी है।
तीन और बच्चों की मौत, संख्या पहुंची 20
नागपुर के विभिन्न अस्पतालों में इलाज के दौरान तामिया की धानी डेहरिया (डेढ़ वर्ष), जुन्नारदेव के ज्यांशु यदुवंशी (2 वर्ष) और रीधोरा के वेदांश पवार (ढाई वर्ष) ने दम तोड़ दिया। छिंदवाड़ा में मृत बच्चों की संख्या 17 हो गई है। पांढुर्ना और बैतूल में क्रमशः एक-एक और दो बच्चों की मौत हुई।
सिरप में जहरीले तत्व, लापरवाही सामने आई
जांच में पाया गया कि कुछ निजी चिकित्सकों ने बच्चों को ‘कोल्ड्रिफ सिरप’ दी थी। सिरप पीने के बाद बच्चों की किडनी फेल होना शुरू हो गई। मेडिकल जांच में सिरप में जहरीले रासायनिक तत्व पाए गए, जिससे कई बच्चों की जान चली गई।
प्रशासन की सख्त कार्रवाई
छिंदवाड़ा जिला प्रशासन ने पांच मेडिकल स्टोर सील कर दिए हैं और संदिग्ध सिरप के सैंपल लैब जांच के लिए भेजे हैं। गांव-गांव में लोगों को आगाह किया जा रहा है कि किसी भी हालत में बच्चों को कफ सिरप न दें।
राजनीति में भी उठे सवाल
कांग्रेस ने पीड़ित परिवारों के लिए मुआवजे की मांग की है, जबकि भाजपा ने कहा कि जांच पूरी पारदर्शिता से हो रही है और दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा।
शोक और भय का माहौल
छिंदवाड़ा जिले के गांवों में बच्चों की मौत से मातम पसरा है। नागपुर में भर्ती बच्चों के परिजन अस्पतालों में लगातार अपने बच्चों के साथ हैं।
जांच समिति गठित
सरकार ने उच्चस्तरीय जांच समिति का गठन किया है। समिति यह पता लगाएगी कि जहरीली सिरप बाजार में कैसे पहुंची और किस स्तर पर लापरवाही हुई। औषधि निरीक्षक दलों को जिले के सभी मेडिकल स्टोरों की दवा जांच रिपोर्ट जल्द प्रस्तुत करने के निर्देश दिए गए हैं।
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