भूकंप, बाढ़, आग, खोज-बचाव और CPR जैसे महत्वपूर्ण मॉड्यूल पर मिला विशेष प्रशिक्षण

देहरादून। गृह मंत्रालय, भारत सरकार की “युवा आपदा मित्र योजना” के तहत चल रहे युवा आपदा मित्र–आपदा प्रबंधन प्रशिक्षण कार्यक्रम का सफलतापूर्वक समापन हो गया। यह प्रशिक्षण 02 दिसंबर से 08 दिसंबर 2025 तक 11वीं एनसीसी बटालियन, देहरादून के 50 कैडेट्स की सहभागिता के साथ ओल्ड बुचड़ी, गढ़ीकैंट में आयोजित किया गया।

कार्यक्रम में प्रतिभागियों को आपदा की स्थिति में फर्स्ट रिस्पांडर के रूप में कार्य करने के लिए व्यापक प्रशिक्षण प्रदान किया गया। प्रशिक्षण गृह मंत्रालय, उत्तराखंड शासन, जिलाधिकारी एवं अपर जिलाधिकारी (वित्त एवं राजस्व) देहरादून के निर्देशों के अनुपालन में आयोजित किया गया।

समापन सत्र में मेजर जनरल रोहन आनंद, ए.डी.जी., एनसीसी निदेशालय उत्तराखंड, मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। उन्होंने कहा, “युवा आपदा मित्र राष्ट्र की मानव सेवा के सच्चे अग्रदूत हैं। संकट की घड़ी में आपके त्वरित निर्णय और साहस से अनगिनत जीवन बचाए जा सकते हैं। देश को आपकी निस्वार्थ सेवा भावना पर पूरा विश्वास है।” उनके प्रेरक संबोधन से कैडेट्स में विशेष उत्साह देखने को मिला।

प्रशिक्षण के मुख्य विषय

कैडेट्स को आपदा प्रबंधन से जुड़े कई महत्वपूर्ण विषयों पर प्रशिक्षण दिया गया, जिनमें शामिल रहे—

आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005 एवं संस्थागत ढांचा

भूकंप, भूस्खलन, बाढ़ और त्वरित बाढ़ से निपटने की तकनीक

प्राथमिक उपचार, घायल प्रबंधन एवं CPR

खोज एवं बचाव कार्य, रस्सी तकनीक व स्ट्रेचर निर्माण

जंगल की आग व शहरी आग प्रबंधन

संचार प्रबंधन एवं चेतावनी तंत्र

भारी वस्तुओं का सुरक्षित स्थानांतरण

कार्यक्रम संचालन

प्रशिक्षण का संचालन मास्टर ट्रेनर राजू शाही, सुशील सिंह कैंतुरा और किशन राजगुरु (युवा आपदा मित्र) द्वारा किया गया। उन्होंने कहा कि इन 50 प्रशिक्षित युवा आपदा मित्रों के जुड़ने से जिले का आपदा प्रबंधन तंत्र और अधिक मजबूत होगा तथा आपात स्थिति में स्थानीय स्तर पर राहत-बचाव कार्यों में त्वरित सहायता मिल सकेगी।

कार्यक्रम के दौरान एनसीसी की ओर से कर्नल आदित्य जॉन पॉल, मेजर शशि मेहता, सूबेदार मेजर लक्ष्मण सिंह, सूबेदार मेजर जिया लाल, ऑनरी कप्तान कृष्ण तड़ियाल एवं हवलदार राकेश कुमार सहित कई अधिकारी मौजूद रहे। सभी अधिकारियों ने प्रशिक्षण कार्यक्रम के सफल संचालन के लिए गृह मंत्रालय एवं उत्तराखंड शासन के प्रति आभार व्यक्त किया।