उत्तरकाशी,

मानसून के दौरान गंगोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग पर सक्रिय हुए भूस्खलन क्षेत्रों के दरकने का सिलसिला अभी थमा नहीं है। साथ ही चिन्यालीसौड़ से लेकर गंगोत्री तक 140 किमी हिस्से में सड़क भी जर्जर हो चुकी है। राजमार्ग पर आधा दर्जन से अधिक क्षेत्र ऐसे हैंए जहां भूधंसाव की समस्या बनी है। कई स्थानों पर तो भूस्खलन और भूधंसाव के कारण सड़क का आधा हिस्सा ध्वस्त हो चुका है।
इन हालात में सितंबर और अक्टूबर में गंगोत्री धाम की यात्रा के दौरान तीर्थ यात्रियों को इस राजमार्ग पर चुनौतियों से जूझना पड़ेगा। इस बार धाम के कपाट 22 जून को खोले गए थे। अब तक छह लाख 76 हजार 610 श्रद्धालु गंगोत्री दर्शन कर चुके हैं।वहीं टिहरी में इस बार मानसून में वर्षा ने जमकर कहर बरपाया। भारी वर्षा के कारण जिले में भूस्खलन होने से दस व्यक्तियों की मौत हुई जबकि तीन घायल हुये। भूस्खलन के दौरान 11 मकान पूरी तरह ध्वस्त हो गये जबकि 75 भवन आशिंक रूप से क्षतिग्रस्त हुये। टिहरी जिले में वर्षा के कारण लगभग दस गांवों में भूस्खलन की घटनायें हुई।