देहरादून: देश में सबसे ज्यादा बाघों की सघनता वाले कॉर्बेट नेशनल पार्क में एक बाघिन फंदे में फंस गई है. जानकारी के मुताबिक यह फंदा बाघिन के शरीर में काफी अंदर तक घुस गया। जिसके बाद बाघिन बुरी तरह घायल हो गई है। हालांकि सूचना मिलने के बाद वन विभाग की टीम ने बाघिन को रेस्क्यू कर लिया।

बाघिन को फंदे से फंसा रेस्क्यू किया

कॉर्बेट नेशनल पार्क के अति संवेदनशील इलाकों में से एक कालागढ़ में एक बाघिन के फंसने की जानकारी सामने आई है.इसके बाद कॉर्बेट प्रशासन में हड़कंप मच गया है. कॉर्बेट नेशनल पार्क के वन विभाग से जुड़े अधिकारी मौके पर पहुंचे और बाघिन को फंदे से छुड़ाया। इसके बाद बाघिन को इलाज के लिए विशेषज्ञ पशु चिकित्सकों की निगरानी में रखा गया है।

बता दें कि इससे पहले भी पिछले हफ्ते कॉर्बेट नेशनल पार्क में एक बाघिन बीमार हालत में मिली थी, जिसकी इलाज के दौरान मौत हो गई थी. पोस्टमॉर्टम के दौरान पता चला कि बाघिन के पेट में खाना नहीं था। इसलिए बाघिन की मौत भी भूख से ही होना माना जा रहा है।

फंदा लगे होने से वन वन विभाग में मची अफरा-तफरी : हालांकि इस मामले में पार्क प्रशासन ने कहा कि 7 वर्षीय बाघिन की अवधि पूरी होने के कारण कमजोरी के कारण मौत हो गयी. इस घटना को एक हफ्ता ही हुआ था कि एक और बाघिन के घायल होने की खबर से वन विभाग के अधिकारियों में हड़कंप मच गया है.

इस पूरी घटना को लेकर कालागढ़ इलाके में फंदा लगे होने की खबर ने सभी को झकझोर कर रख दिया है. हालांकि इससे पहले भी इस संवेदनशील इलाके में फंदा लगे होने की खबर सामने आ रही है.लेकिन इस बार बाघिन के फंसने से मामला गंभीर हो गया है। एक ओर जहां बाघिन का इलाज किया जा रहा है, वहीं दूसरी ओर फंदा किसने लगाया और क्षेत्र में शिकारी सक्रिय हैं या नहीं, इन सभी बातों की जांच की जा रही है.

क्या कहा जिम्मेदार ने : पीसीसीएफ वाइल्डलाइफ डॉ. समीर सिन्हा ने बताया कि फंदा काफी पुराना था, जब वन विभाग के अधिकारियों को बाघिन के फंदे में फंसने की सूचना मिली तो बाघिन को तुरंत रेस्क्यू कर लिया गया. साथ ही इसका इलाज भी पूरी गंभीरता से किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि इस संबंध में जो भी प्रोटोकॉल है उसका पालन किया जाएगा। लेकिन प्राथमिक उपचार कर बाघिन को स्वस्थ बनाना पहली प्राथमिकता है।

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