उत्तराखंड परिवहन निगम में चालकों व परिचालकों की आपूर्ति के लिए एजेंसी प्रथा शुरू दी गई है. जिसको लेकर रोडवेज कर्मचारियों ने विरोध का स्वर तेज करते हुए आंदोलन की चेतावनी दी है. निगम कर्मचारियों के अनुसार यदि चालक परिचालक भर्ती (एमकेएसएसएसएस) के लिए नियुक्त एजेंसी को जल्द समाप्त नहीं किया गया तो 31 अगस्त से कर्मचारी काली पट्टी बांधकर आंदोलन करने को मजबूर होंगे।
इतना ही नहीं 1 व 2 सितंबर को परिवहन निगम के सभी बस डिपो कार्य का बहिष्कार करेंगे और आंदोलन भी किया जाएगा.
उत्तराखंड रोडवेज कर्मचारी संघ का आरोप है कि कर्मचारियों के हित में नैनीताल उच्च न्यायालय द्वारा दिए गए आदेशों के विपरीत परिवहन निगम में अब जिस कार्य योजना में बिंदुवार निर्णय लिए जा रहे हैं, वह केवल परिवहन कर्मचारी ही नहीं है. लेकिन यह नैनीताल हाईकोर्ट के आदेशों की भी अवमानना है.
589 रिक्त पदों पर नियुक्त एजेंसी की भर्ती प्रक्रिया शुरू उत्तराखंड रोडवेज कर्मचारी संघ के अनुसार परिवहन निगम (एमकेएसएसएसएस) द्वारा नियुक्त एजेंसी द्वारा चालक एवं परिचालकों की आपूर्ति के लिए 233 वर्ष एवं 356 परिचालकों की भर्ती की जा रही है. . ऐसे में कर्मचारी संघ ने नियुक्त एजेंसी द्वारा भर्ती के खिलाफ परिवहन निगम को आंदोलन की चेतावनी दी है.
परिवहन निगम में एजेंसी प्रथा के खिलाफ उत्तराखंड रोडवेज कर्मचारी संघ द्वारा आंदोलन की मांग
परिवहन निगम में चालकों एवं परिचालकों की आपूर्ति हेतु नियुक्त एजेंसी से किया गया ठेका तत्काल समाप्त किया जाए।
एमकेएसएसएसएस एजेंसी द्वारा की जा रही 233 चालकों व 356 परिचालकों की भर्ती पर रोक।
भविष्य में परिवहन निगम में एजेंसी व्यवस्था की कार्ययोजना को समाप्त किया जाए।
परिवहन निगम में कार्यरत संविदा चालक एवं परिचालक (जो 240 दिनों से अधिक समय से निरंतर सेवा में हैं) संविदा को भरने की बाध्यता को समाप्त कर दें।
ब्लैक बेल्ट बांधकर विरोध प्रदर्शन : उत्तराखंड रोडवेज कर्मचारी संघ महासचिव अशोक चौधरी ने कहा कि परिवहन निगम में नियुक्त एजेंसी व्यवस्था को खत्म करने के खिलाफ 31 अगस्त 2022 को प्रदेश भर के कर्मचारी काली पट्टी बांधकर काम करेंगे. वहीं अपनी शर्ट के बायीं तरफ ‘मैं परिवहन निगम एजेंसी सिस्टम के खिलाफ हूं’ का स्टीकर लगाएंगे। इतना ही नहीं कर्मचारी संघ के सभी सदस्य 1 सितंबर 2022 से 2 सितंबर तक सभी डिपो में 48 घंटे तक काम का बहिष्कार करेंगे.
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