देहरादून , PAHAAD NEWS TEAM

अखिल भारतीय स्तर के घटक बैंक संगठनों द्वारा 15 और 16 मार्च को दो दिवसीय हड़ताल के आह्वान पर राष्ट्रीयकृत बैंकर भी उत्तराखंड में हड़ताल में शामिल हैं। जिसके कारण राष्ट्रीयकृत बैंकों में ताले लटक रहे हैं। सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के निजीकरण के विरोध में सोमवार को एस्लेहाल चौक पर बैंक कर्मचारी यूनाइटेड फेडरेशन ऑफ बैंक यूनियन (यूएफबीयू) के बैनर तले प्रदर्शन कर रहे हैं।

बैंकों की नौ यूनियन इस हड़ताल में शामिल हो रही हैं। वहीं, सार्वजनिक क्षेत्र के 12 बैंक इस हड़ताल से प्रभावित होंगे। हड़ताल सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में है। बैंकों की हड़ताल में, स्केल -1 से स्केल -5 तक के अधिकारी-यूनियनों के सभी अधिकारी हर बार की तरह इस हड़ताल में शामिल हो रहे हैं।

यूएफबीयू के उत्तराखंड संयोजक समदर्शी बड़थ्वाल ने कहा कि यूएफबीयू पूरे देश में बैंकों के निजीकरण के सरकार के फैसले का विरोध कर रही है। हड़ताल के दोनों दिन सेंट्रल बैंक की एस्लेहाल शाखा से देहरादून में सुबह 10 बजे से शहर में जुलूस निकाला जाएगा। ये जुलूस एस्लेहाल से गांधी पार्क, कुमार स्वीट शॉप से होते हुए घंटाघर से वापस होकर इसी मार्ग से पुन एस्लेहाल पहुंचकर समाप्त होगा। । कर्मचारियों को काले कपड़े पहनकर प्रदर्शन में शामिल होने के लिए कहा गया है।

वहीं, ऑल इंडिया नेशनलाइज्ड बैंक ऑफिसर्स फ़ैडरेशन के बैनर तले केनरा बैंक, मेन ब्रांच राजपुर रोड से गांधी पार्क देहरादून तक शांतिपूर्ण रैली निकाली और सभी अधिकारियों ने सरकार की निजीकरण की नीति का विरोध करते हुए नारे लगाए। फेडरेशन के राज्य सचिव इंद्र सिंह परमार ने कहा कि वर्तमान सरकार ने बजट में सार्वजनिक बैंकों के निजीकरण की घोषणा की है, जो देश के लिए आर्थिक और सामाजिक रूप से घातक है। यहां निर्णय आम आदमी के लिए सस्ती और सस्ती वित्तीय सेवाओं तक पहुंचने में बाधा पैदा करेगा। राष्ट्रीय बैंकों ने पिछले 50 वर्षों में देश के विभिन्न हिस्सों में एक लाख से अधिक शाखाएं खोली हैं और देश के लोगों की सेवा में निरंतर प्रयासरत हैं।