चमोली , PAHAAD NEWS TEAM

हिमालय की वादियां , हरी-भरी घाटियां, पर्वत, झरने ऐसा प्राकृतिक सौंदर्य मानो कुदरत ने अपने हाथों से उत्तराखंड को सजाया हो. देवभूमि की प्राकृतिक सुंदरता प्रकृति के अमूल्य उपहार के समान है, जो हर साल देश-विदेश से लाखों पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करती है। इन्हीं प्राकृतिक वादियों में से एक चमोली में फूलों की घाटी भी है, जो नंदा देवी अभ्यारण राष्ट्रीय उद्यान में स्थित है। इसकी सुंदरता को देखते हुए यूनेस्को ने 1982 में इसे विश्व विरासत स्थल में शामिल किया था।प्रवेश शुल्क मात्र 150 रुपये

वर्ल्ड धरोहर स्थल में शामिल: चमोली में स्थित फूलों की घाटी को देखकर ऐसा लगता है जैसे किसी ने कोई खूबसूरत पेंटिंग बनाकर यहां रख दी हो। चारों ओर ऊंचे पहाड़ और उन पहाड़ों के ठीक नीचे फूलों की यह घाटी प्रकृति का विहंगम दृश्य है। फूलों की यह घाटी 3 किमी के क्षेत्र में फैली हुई है। फूलों की इस घाटी का ऐतिहासिक महत्व भी है। इसे 1982 में यूनेस्को की विश्व धरोहर स्थल घोषित किया गया था।

पर्यटकों के लिए जन्नत: प्राकृतिक मैदानों में ट्रेकिंग और घूमने के शौकीन लोगों के लिए ये खूबसूरत फूलों की घाटियां किसी जन्नत से कम नहीं हैं। फूलों की इस घाटी को लोग पिंडर घाटी और पिंडर वैली के नाम से भी पहचानते हैं। यह फूलों की लगभग 500 प्रजातियों का दावा करता है।

कोरोना काल में बंद रही फूलों की घाटी: हालांकि, फूलों की इस घाटी को कोविड काल में बंद कर दिया गया था। पिछले साल इस घाटी को लोगों के लिए फिर से खोल दिया गया है, लेकिन पाबंदियों के बीच लोगों ने यहां आने में ज्यादा दिलचस्पी नहीं दिखाई. आज से एक बार फिर से फूलों की घाटी खोली जा रही है। लोग इस घाटी को करीब 2 महीने तक देख सकते हैं।

कैसे पहुंचे: फूलों की घाटी के बारे में सुनकर आप भी यहां जाने के बारे में सोच रहे होंगे। ऐसे में हम आपको बताते हैं कि आप यहां कैसे पहुंच सकते हैं और यहां आने के लिए कौन सा समय बेहतर रहेगा। फूलों की घाटी में आने के लिए आपको चमोली आना होगा। चमोली जिले तक पहुंचने के लिए आपको ट्रेन या हवाई जहाज से देहरादून आना होगा। इसके बाद आप सड़क मार्ग से चमोली जिले पहुंच सकते हैं। इसके बाद गोविंदघाट से फूलों की घाटी तक पहुंचने के लिए आप 19 किलोमीटर तक का सफर तय कर सकते हैं।

आज से खुलेगी फूलों की घाटी: फूलों की घाटी को खोलने की तैयारी में जिला प्रशासन जुट गया है. फूलों की घाटी आज से पर्यटकों के लिए खोली जा रही है। वर्तमान में, फूलों की 300 से अधिक प्रजातियां वहां खिल चुकी हैं और शेष फूल बर्फ पिघलने के बाद खिलेंगे। यहां ब्रह्म कमल की सुगंध से पूरा क्षेत्र सुगन्धित रहता है। बस अब यहां आने वाले पर्यटकों का इंतजार कर रही है।