चमोली , PAHAAD NEWS TEAM,

बद्रीनाथ धाम में हार्ट अटैक से मौत का सिलसिला जारी है. आज धाम में गढ़वाल मंडल विकास निगम के क्षेत्रीय प्रबंधक पद पर तैनात पान सिंह बिष्ट का हृदय गति रुकने से निधन हो गया. शव को पोस्टमॉर्टम के लिए ले जाया जा रहा है। पोस्टमार्टम जोशीमठ में होगा। बद्रीनाथ में अब तक 6 लोगों की मौत हो चुकी है. बद्रीनाथ धाम के कपाट 8 मई को खोले गए थे ।

अब तक 30 लोगों की मौत उत्तराखंड के बद्रीनाथ धाम में जीएमवीएन के क्षेत्रीय प्रबंधक की आज मौत के साथ ही धाम में मरने वालों की संख्या 6 पहुंच गई है. वहीं चारधाम यात्रा पर आए श्रद्धालुओं की मौत का आंकड़ा 30 पहुंच गया है. इन मौतों को लेकर भारत सरकार ने भी राज्य से रिपोर्ट मांगी थी. इसका जवाब राज्य सरकार पहले ही दे चुकी है। इसके बावजूद मौत का सिलसिला जारी है।

चौंकाने वाली बात यह है कि मरने वालों में 30 साल के युवा से लेकर 75 साल के बुजुर्ग शामिल हैं. जानकारी के मुताबिक केदारनाथ में अब तक 11 श्रद्धालुओं की मौत हो चुकी है. बद्रीनाथ में 6, गंगोत्री में 3 और यमुनोत्री में 11 जान गंवा चुके हैं।

मृतकों में 30 वर्ष आयु वर्ग के हैं: आंकड़ों पर नजर डालें तो 30 से 40 वर्ष आयु वर्ग के 3 भक्तों की जान चली गई है. इसी तरह 40 साल से ऊपर और 50 साल तक के 4 तीर्थयात्रियों की जान चली गई है. 50 से 60 साल के बीच के 9 श्रद्धालुओं की जान चली गई है। जबकि 76 साल तक के 13 मरीजों की जान जा चुकी है। सबसे ज्यादा मौतें यमुनोत्री पैदल मार्ग और केदारनाथ में हुई हैं।

डीजी हेल्थ ने कहा? उत्तराखंड की स्वास्थ्य महानिदेशक शैलजा भट्ट का कहना है कि अस्पताल में किसी भी श्रद्धालु की मौत नहीं हुई है. सभी की मौत यात्रा मार्गों पर हुई है। स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही को डीजी स्वास्थ्य भी मानने को तैयार नहीं है। वहीं, स्थिति यह है कि यात्रा मार्गों पर स्वास्थ्य व्यवस्था बदहाल है। यात्रियों के पास आपात स्थिति के लिए डॉक्टर भी नहीं हैं। मुख्य सचिव ने खुद कहा है कि उत्तराखंड में हृदय रोग विशेषज्ञों की कमी है। ऐसे में अब डीजी हेल्थ का यह बयान बेहद बेतुका है .