देहरादून :
जाने माने शास्त्रीय गायक पंडित जसराज का 90 साल की उम्र में कार्डिएक अरेस्ट की वजह से निधन हो गया। पद्म विभूषण पंडित जसराज पिछले कुछ समय से अपने परिवार के साथ अमेरिका में ही थे।
उनके निधन पर उत्तराखंड के मुख्यमंत्री श्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के कहा है की भारतीय शास्त्रीय संगीत के स्तम्भ पंडित जसराज जी के निधन का समाचार सुनकर बहुत दुःख हुआ। पंडित जी के निधन से भारतीय शास्त्रीय संगीत को अपूरणीय क्षति हुई है। ईश्वर दिवंगत आत्मा को शांति व उनके परिवार जनों और प्रशंसकों को इस दु:ख को सहन करने की शक्ति प्रदान करे।
पंडित जसराज का जन्म 28 जनवरी 1930 को हरियाणा के हिसार में शास्त्रीय संगीत के घराने में हुवा था। उनका संगीत करियर ८० वर्षों से अधिक समय तक रहा और कई बड़े पुरस्कार मिले। शास्त्रीय और अर्ध-शास्त्रीय स्वरों के उनके प्रदर्शन एल्बम और फिल्म साउंडट्रैक बन गए हैं। जसराज ने भारत, कनाडा और अमेरिका में संगीत सिखाया है। उनके कुछ छात्र बदले में वायलिन वादक काला रामनाथ जैसे उल्लेखनीय संगीतकार बन गए।
व्यक्तिगत जीवन
1962 में, जसराज ने फिल्म निर्देशक वी शांताराम की बेटी मधुरा शांताराम से शादी की, जिनसे उनकी पहली मुलाकात 1960 में बॉम्बे में हुई थी। वे शुरू में कलकत्ता में रहते थे, 1963 में बॉम्बे चले गए। उनके दो बच्चे थे, एक बेटा, शारंग देव पंडित और एक बेटी, दुर्गा जसराज। मधुरा ने 2009 में में संगीत मार्तंड पंडित जसराज पर एक फिल्म बनाई और 2010 में अपनी पहली मराठी फिल्म ऐ तुझ आशिरवाड़ का निर्देशन किया, जिसमें उनके पति और लता मंगेशकर ने मराठी में गाया।
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