उत्तराखंड में जैसे-जैसे विधानसभा चुनाव का समय नजदीक आता जा रहा है वैसे-वैसे ही सत्ताधारी दल के साथ-साथ विपक्ष और अब तीसरे विकल्प के रूप का दावा करने वाली आम आदमी पार्टी भी प्रदेश में एक्टिव मोड में आ गई हैं। सभी पार्टियों के बीच चुनावी घमासान तेज हो गया है। और प्रदेश में वार पलटवार का भी दौर चल पड़ा है। पार्टियां अपने विपक्षियों पर हमला कर अपना वर्चस्व मजबूत करने के अथक प्रयासों में जुटी हुईं हैं। हालांकि आम आदमी पार्टी देश की राजधानी दिल्ली की तर्ज पर उत्तराखंड में भी अपनी सियासी जमीन तैयार करने में जुटी हुई है। लेकिन मौजूदा हालात और उसकी तमाम परिस्थितियां इसके एकदम विपरीत हैं।

ऐसा बन रहा है प्रदेश का रूझान
उत्तराखंड के अंदर किस पार्टी का दबदबा होता है और किसका नहीं ये तो आने वाला समय ही बताएगा। लेकिन वर्तमान हालातों को देखकर ऐसा जरूर लग रहा है कि पहले से कुर्सी पर काबिज पार्टी का पलड़ा थोड़ा भारी है। जिसे तोड़कर तीसरा विकल्प जाहिर करने में जुटी आम आदमी पार्टी राजनीतिक विरोध प्रदर्शन और आरोप-प्रत्यारोप की राजनीति में मशगूल है। आम आदमी पार्टी के इस शुरुआती वजूद को विपक्षी पार्टी यानी कि कांग्रेस प्रदेश प्रवक्ता द्वारा दरकिनार करते हुए उसे शून्य करार दिया जा रहा है।

कांग्रेस प्रवक्ता ने साधा आप पार्टी पर निशाना
उत्तराखंड कांग्रेस प्रवक्ता गरिमा ने एक बार फिर आम आदमी पार्टी पर जमकर निशाना साधा और केजरीवाल के सियासी खेल पर भी जमकर सवाल उठाए। उत्तराखंड की कांग्रेस प्रदेश प्रवक्ता गरिमा दसोनी द्वारा आम आदमी पार्टी पर वार करते हुए बयान दिया गया है कि उत्तराखंड में कहीं से कहीं तक आम आदमी पार्टी का कोई वजूद नहीं है। इतना ही नहीं उन्होंने कहा है कि इनका कोई पार्टी सिंबल पर विजई प्रत्याशी तक नहीं है।