नई दिल्ली , PAHAAD NEWS TEAM
केंद्र सरकार ने 18 से 44 वर्ष की आयु के लोगों के लिए कोरोना टीकाकरण के लिए कोविन प्लेटफॉर्म पर पहले से रजिस्ट्रेशन की आवश्यकता को समाप्त कर दिया है। टीकाकरण के लिए जारी संशोधित दिशा-निर्देशों के अनुसार अब इस आयु वर्ग के लोग सीधे टीका केंद्र जाकर वहां अपना टीका लगवा सकेंगे। हालांकि यह सुविधा केवल सरकारी टीकाकरण केंद्रों पर ही उपलब्ध होगी। निजी टीकाकरण केंद्रों पर पूर्व पंजीकरण के बाद ही टीके उपलब्ध होंगे।
वैक्सीन की बर्बादी को रोकने के लिए फैसला
स्वास्थ्य मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि टीकाकरण केंद्रों पर पंजीकरण और वैक्सीन की सुविधा मुहैया कराने का फैसला मुख्य रूप से वैक्सीन की बर्बादी रोकने के लिए किया गया है. कई राज्यों से शिकायतें आ रही थीं कि पहले से रजिस्ट्रेशन कराने वालों के निर्धारित दिन तक नहीं पहुंच पाने के कारण वैक्सीन बर्बाद हो रही है. इस तरह जो लोग पहले से रजिस्ट्रेशन करा चुके हैं उन्हें वैक्सीन दी जाएगी, साथ ही बाकी के टीके वहां आने वाले लोगों को दिए जाएंगे और वहां उनका रजिस्ट्रेशन किया जाएगा. कोविड पोर्टल में इसमें जरूरी बदलाव किए गए हैं।
अनावश्यक भीड़भाड़ से बचने के लिए पंजीयन के थे सख्त प्रावधान
गौरतलब है कि सरकार ने इसी महीने शुरू हुए तीसरे चरण के टीकाकरण अभियान में 18 से 44 साल के बीच के लोगों के लिए वैक्सीन के दरवाजे खोल दिए थे। नई प्रणाली के तहत, भारत में उत्पादित टीके का 50% केंद्र और शेष राज्यों और निजी क्षेत्र द्वारा साझा किया जाता है। टीकाकरण के लिए पहले से रजिस्ट्रेशन का कड़ा प्रावधान इसलिए किया गया था, ताकि वैक्सीनेशन सेंटर पर अनावश्यक भीड़ जमा नहीं हो और कोरोना संक्रमण से बचाव के नियमों का पालन भी सुनिश्चित किया जा सके।
जून से शुरू होगा बच्चों के टीके का ट्रायल
भारत बायोटेक जून से बच्चों पर कोरोना वैक्सीन ‘कोवैक्सीन’ का ट्रायल शुरू कर सकती है। कंपनी को पहले ही दो से 18 साल की उम्र के बच्चों पर परीक्षण करने की अनुमति मिल चुकी है। भारत बायोटेक के बिजनेस डेवलपमेंट एंड इंटरनेशनल एडवोकेसी के प्रमुख डॉ. राचेस एला ने विश्वास व्यक्त किया कि बच्चों के लिए वैक्सीन लाइसेंस इस साल की तीसरी तिमाही में प्राप्त किया जा सकता है। डॉ. एला ने कहा कि भारत बायोटेक इस साल के आखिर तक कोवैक्सीन की उत्पादन क्षमता 70 करोड़ तक कर लेगी।
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