देहरादून : राज्य के दूरस्थ क्षेत्रों की 51 मेधावी छात्राओं को उनके स्नातकोत्तर पाठ्यक्रमों के लिए प्रतिवर्ष छात्रवृत्ति प्रदान की जाएगी. वहीं प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रही छात्राओं को कौशल विकास का प्रशिक्षण दिया जाएगा। इसके लिए दो बड़े संस्थानों ने उच्च शिक्षा विभाग (उत्तराखंड उच्च शिक्षा) के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं। इससे एक ओर संसाधनों से वंचित पर्वतीय क्षेत्रों की छात्राओं को उच्च उपलब्धि हासिल करने के लिए आर्थिक मदद मिलेगी, वहीं दूसरी ओर प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रही छात्राओं को नि:शुल्क कौशल विकास प्रशिक्षण दिया जाएगा।

उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत की अध्यक्षता में देहरादून के एक निजी होटल में आयोजित कार्यक्रम में दो अंतरराष्ट्रीय संस्थानों ने पहाड़ी क्षेत्रों की छात्राओं के लिए उच्च शिक्षा विभाग के साथ दो अलग-अलग एमओयू पर हस्ताक्षर कर छात्रवृत्ति की सौगात दी । उच्च शिक्षा मंत्री ने कहा कि टाटा इंस्टीट्यट ऑफ सोशल साइंसेज के माध्यम से लंदन स्थित संस्था ऋषि और मिलन खोसला फाउंडेशन ने पहाड़ी और दूरदराज के 51 छात्राओं को स्नातकोत्तर अध्ययन के लिए प्रति वर्ष 35000 रुपये की छात्रवृत्ति की घोषणा की।

वहीं महिंद्रा प्राइड क्लासरूम नांदी फाउंडेशन ने प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे दुर्गम क्षेत्रों की छात्राओं को चरणबद्ध तरीके से कौशल विकास और स्वरोजगार प्रशिक्षण देने पर सहमति जताई है. उन्होंने बताया कि इस संबंध में ऋषि और मिलन खोसला फाउंडेशन के प्रतिनिधि तारा चंद और उच्च शिक्षा निदेशक डॉ संदीप शर्मा ने समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए.

जबकि एक अन्य अनुबंध में महिंद्रा प्राइड क्लासरूम नंदी फाउंडेशन की ओर से मुख्य कौशल अधिकारी राधा वरदराजन व निदेशक उच्च शिक्षा ने समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए. धन सिंह रावत ने बताया कि राष्ट्रीय शिक्षु प्रोत्साहन योजना के तहत इस माह के अंतिम सप्ताह से चरणबद्ध तरीके से एमबी कॉलेज हल्द्वानी से कौशल विकास स्वरोजगार प्रशिक्षण शुरू किया जाएगा. ताकि उच्च शिक्षा प्राप्त करने वाली छात्राओं को आत्मनिर्भर और स्वावलंबी बनने में मदद मिल सके।

उच्च शिक्षा मंत्री ने छात्राओं को छात्रवृत्ति और प्रशिक्षण देकर उन्हें आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में काम करने के लिए दोनों संस्थानों के निदेशकों को धन्यवाद दिया।