देहरादून : सोमवार को वर्ष 2022-23 के लिए मुख्य सचिव डॉ. एस.एस. संधु की अध्यक्षता में पूंजी निवेश हेतु राज्यों की परियोजनाओं को विशेष सहायता के लिये विभिन्न विभागों के प्रस्तावों के संबंध में व्यय वित्त समिति (ईएफसी) की बैठक हुई. बैठक के दौरान समिति द्वारा विभिन्न प्रस्तावों को मंजूरी दी गई।

मुख्य सचिव ने अधिकारियों को ईएफसी के लिए पूरी योजना के साथ प्रस्ताव भिजवाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि ज्यादातर विभाग भवन निर्माण के प्रस्ताव लेकर ही ईएफसी को प्रस्ताव भेज रहे हैं। मुख्य सचिव ने इस पर अप्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि भवन योजना, परियोजना का उद्देश्य, संरचना एवं पदों के निर्माण तथा संचालन एवं अनुरक्षण योजना के साथ समग्र दृष्टिकोण के साथ प्रस्ताव भेजे जाएं.

व्यय वित्त समिति की बैठक में सिंचाई विभाग के भगवानपुर औद्योगिक क्षेत्र में करीब 3565.28 लाख की लागत से ड्रेनेज मास्टर प्लान व डीपीआर को स्वीकृति प्रदान की गई. मुख्य सचिव ने अधिकारियों को ड्रेनेज सिस्टम की गुणवत्ता का ध्यान रखने के निर्देश दिए. इसके लिए हर पहलू पर पहले से विचार कर लेना चाहिए।

उद्यान विभाग की श्रेणी ‘बी‘ के अंतर्गत लगभग 1824.48 लाख की एकीकृत सिंचाई व्यवस्था, औद्यानिक यंत्रीकरण एवं अवस्थापना सुविधाओं के विकास एवं 1120.00 लाख की रामनगर नैनीताल में फूड प्रोसेसिंग यूनिट और कॉलेज अपग्रेडेशन प्रोजेक्ट को भी स्वीकृति प्रदान की गयी । उन्होंने कहा कि उत्तराखंड में उद्यान में काफी संभावनाएं हैं। खाद्य प्रसंस्करण राज्य की अर्थव्यवस्था और रोजगार सृजन में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है।

बैठक में शहरी विकास के देहरादून तरला नागल में सिटी पार्क के प्रस्ताव को भी मंजूरी दी गई. मुख्य सचिव ने सिटी पार्क में हरियाली का विशेष ध्यान रखने की बात कही। उन्होंने कंक्रीट के कम से कम इस्तेमाल की बात करते हुए बुजुर्ग लोगों के हिसाब से पाथ-वे तैयार करने के निर्देश दिए ताकि उन्हें उसमें चलने में दिक्कत न हो.

इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव आनन्द वर्द्धन, सचिव आर. मीनाक्षी सुन्दरम, बी.वी.आर.सी पुरूषोत्तम, हरिचन्द्र सेमवाल सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे.