देहरादून से हवाई सफर करने वाले यात्रियों को बड़ी राहत मिली है। दरअसल एयरपोर्ट पर चार एयरोब्रिज बनाए जा रहे हैं। जिसका निर्माण कार्य तेजी से चल रहा है। उम्मीद है कि चारों एयरब्रिज दिसंबर तक बनकर तैयार हो जाएंगे। इससे यात्री बिना किसी परेशानी के प्लेन से टर्मिनल तक आ-जा सकेंगे।

दरअसल, जॉली ग्रांट एयरपोर्ट पर फिलहाल एक भी एयरोब्रिज नहीं है। ऐसे में यात्रियों को हवाई जहाज से टर्मिनल तक जाने के लिए बस या फिर पैदल सफर करना पड़ता है। जिससे यात्रियों को धूप व बारिश में भारी परेशानी का सामना करना पड़ता है। इसे देखते हुए जौलीग्रांट एयरपोर्ट पर एक साथ चार एयरोब्रिज का निर्माण शुरू किया गया। इसके तैयार होने के बाद यात्रियों की यह समस्या दूर हो जाएगी।

इन दिनों एयरपोर्ट के विस्तारीकरण का काम जोरों पर चल रहा है। इसके तहत कुल 42776 वर्ग मीटर क्षेत्रफल में 460 करोड़ की लागत से नया एयरपोर्ट टर्मिनल बनाया जा रहा है। इसका अधिकांश काम पूरा हो चुका है और 28729 वर्ग मीटर में परिचालन भी शुरू हो गया है। टर्मिनल के साथ ही चार एयरोब्रिज का निर्माण भी तेजी से चल रहा है।

इसके अलावा एयरपोर्ट पर 10 छोटे और 10 बड़े विमानों के लिए पार्किंग का निर्माण भी तेजी से चल रहा है।

एरोब्रिज कैसे काम करता है?
एयरोब्रिज के जरिए हवाई यात्री जमीन पर जाए बिना सीधे टर्मिनल से और सीधे विमान से टर्मिनल तक विमान में प्रवेश कर सकेंगे। एक साथ चार एयरोब्रिज बनने के बाद यात्री एयरपोर्ट पर खड़े चार विमानों से सीधे टर्मिनलों के बीच जा सकेंगे। इससे समय की बचत भी होगी और यात्रियों को धूप या बारिश का सामना नहीं करना पड़ेगा।

एरोब्रिज केवल बोइंग या एयरबस (बड़े विमान) को सेवा प्रदान करेगा। एरोब्रिज एटीआर (छोटे विमान) के लिए काम नहीं करेगा। ऐसे में उनके लिए भी यही व्यवस्था होगी। एरोब्रिज की सुविधा देश के चुनिंदा हवाईअड्डों पर ही उपलब्ध है।

भूमि अधिग्रहण के बाद कैट-वन एप्रोच लाइटें लगाई जाएंगी

एयरपोर्ट पर कैट वन अप्रोच लाइट लगाने के प्रयास तेज कर दिए गए हैं। इसके लिए चोर पुलिया से अथरवाला व जौलीग्रांट की 1.9780 हेक्टेयर भूमि के अधिग्रहण की प्रक्रिया अंतिम चरण में है। इसमें से 0.0800 हेक्टेयर भूमि जौलीग्रांट के लोगों को दी जाएगी। बाकी जमीन पर कैट वन एप्रोच लाइटें लगाई जाएंगी।इन लाइटों के लगने के बाद विमान कम दृश्यता और खराब मौसम में भी आसानी से लैंड कर सकेगा। मौजूदा समय में इंस्ट्रूमेंट लैंडिंग सिस्टम (आईएलएस), पथ संकेतक और अन्य उपकरणों की मदद से विमानों को उतारा जा रहा है।

टर्मिनल के साथ ही जौलीग्रांट एयरपोर्ट पर चार एयरोब्रिज का निर्माण भी तेजी से चल रहा है। जिसका करीब 65 फीसदी काम पूरा हो चुका है। टर्मिनल और एयरोब्रिज का काम अगले दिसंबर तक पूरा कर लिया जाएगा।

प्रभाकर मिश्रा, एयरपोर्ट निदेशक देहरादून।

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