नैनीताल: उत्तराखंड हाई कोर्ट ने नैनीताल शहर में टैक्सी बाइक चलाने की अनुमति देने से इनकार करते हुए इस संबंध में दायर एक याचिका खारिज कर दी है. बुधवार को हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश विपिन सांघी व न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल की खंडपीठ के समक्ष टैक्सी चालक प्रवीण बिष्ट की याचिका सुनवाई के लिए आई।याचिकाकर्ता का कहना था कि नैनीताल शहर में नैनीताल की टैक्सियों पर प्रतिबंध है, जबकि अन्य स्थानों से टैक्सियां ​​यहां आ रही हैं। इसलिए स्थानीय टैक्सी चालकों को भी अनुमति दी जानी चाहिए। लेकिन पीठ ने याचिका खारिज कर दी.

कोर्ट ने पुलिस प्रशासन को शहर में बाइक टैक्सियों पर प्रतिबंध लगाने का भी आदेश दिया. उन्होंने कहा कि अजय रावत के खिलाफ शासनादेश का पालन किया जाए। 2017 के एक आदेश में हाई कोर्ट ने नैनीताल में टैक्सी परमिट पर प्रतिबंध लगा दिया था. परमिट में लिखा था कि नैनीताल में टैक्सियाँ प्रतिबंधित हैं। कोर्ट ने कहा कि ये प्रतिबंध अन्य राज्यों और राज्य (उत्तराखंड) के जिलों से आने वाले वाणिज्यिक वाहनों पर भी लागू होंगे।

आपको बता दें कि 3 जुलाई 2017 को हाई कोर्ट ने नैनीताल में नए टैक्सी परमिट पर रोक लगा दी थी. यहां 2020 में राज्य सरकार टैक्सी बाइक योजना लेकर आई. इसके तहत नैनीताल शहर में कई युवाओं ने टैक्सी बाइक का बिजनेस शुरू किया. लेकिन उनकी अनुमति में लिखा था कि नैनीताल में प्रतिबंध रहेगा. हालांकि पर्यटन सीजन के दौरान नैनीताल प्रशासन ने ऐसे वाहनों के खिलाफ कार्रवाई की और कई वाहनों को जब्त भी किया. साथ ही भारी जुर्माना भी लिया गया.इसके खिलाफ टैक्सी बाइक व्यवसायी प्रवीण कुमार, ललित, निखिल, पीयूष शाह ने हाईकोर्ट की शरण ली. लेकिन हाई कोर्ट से उन्हें कोई राहत नहीं मिली और अब नैनीताल में बाहरी स्थानों की टैक्सियां ​​और टैक्सी बाइकें नहीं चलेंगी।

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