देहरादून, PAHAAD NEWS TEAM

चमोली, उत्तरकाशी और देहरादून जिलों में रात 12 बजे के बाद भूकंप के झटके महसूस किए गए. भूकंप की तीव्रता 4.3 थी। भूकंप का केंद्र जोशीमठ से 43 किमी की दूरी पर बताया गया है। रात करीब 12.35 बजे मसूरी और देहरादून में भी झटके महसूस किए गए।

भूकंप से किसी तरह के जान-माल के नुकसान की कोई खबर नहीं है।

बागेश्वर जिले में भूकंप के हल्के झटके महसूस किए गए। भूकंप देर रात करीब 12:35 बजे आया। इसका केंद्र जोशीमठ के पास बताया जा रहा है। रिक्टर पैमाने पर इसकी तीव्रता 4.3 आंकी गई है। जिन लोगों ने झटके महसूस हुए वे आनन-फानन में अपने घरों से बाहर निकल गए। आपदा प्रबंधन अधिकारी शिखा सुयाल ने बताया कि बहुत हल्का झटका महसूस किया गया। देर रात होने के कारण लोगों को कुछ पता भी नहीं चला। जान-माल की कोई हानि नहीं है। बता दें कि उत्तराखंड भूगर्भीय दृष्टिकोण से बेहद संवेदनशील है।

भूकंप के लिहाज से संवेदनशील है राज्य

उत्तराखंड भूकंप के सबसे संवेदनशील जोन पांच और संवेदनशील जोन चार में आता है। ऐसे में हिमालयी प्रदेशों में से एक उत्तराखंड में भूकंप के लिहाज से खासे ऐतिहात की जरूरत है। राज्य के अति संवेदनशील जोन पांच की बात करें इसमें रुद्रप्रयाग (अधिकांश भाग), बागेश्वर, पिथौरागढ़, चमोली, उत्तरकाशी जिले आते हैं , जबकि उधम सिंह नगर, नैनीताल, चंपावत, हरिद्वार, पौड़ी और अल्मोड़ा जोन चार में हैं और दोनों देहरादून और टिहरी दोनों जोन में आते ।

इसलिए इस क्षेत्र में भूकंप आते हैं

वैसे भी हिमालय क्षेत्र में इंडो-यूरेशियन प्लेट की टकराहट के चलते जमीन के भीतर से ऊर्जा बाहर निकलती रहती है। जिस कारण भूकंप आना स्वाभाविक है । पिछले रिकॉर्ड पर नजर डालें तो साल भर में करीब नौ झटके महसूस किए जा सकते हैं। वाडिया हिमालय भूविज्ञान संस्थान के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. सुशील कुमार का कहना है कि यह भूकंप राज्य के अति संवेदनशील जोन पांच में आया है और इससे स्पष्ट भी होता है कि भूगर्भ में तनाव की स्थिति बनी हुई है. पिछले रिकॉर्ड पर भी नजर डालें तो सबसे ज्यादा भूकंप संवेदनशील जिलों में दर्ज किए गए हैं।