2020  के जाने में अब केवल दस दिन बचे हैं। मार्च में कोरोना की दस्तक ने पूरे साल के समीकरण को बिगाड़ दिया। इसका सबसे ज्यादा असर विकास कार्यों और उससे जुड़ी परियोजनाओं पर पड़ा। बजट की कमी और अन्य कारणों के कारण, इन परियोजनाओं की गति और धीमी हो गई। हल्द्वानी की पांच बड़ी परियोजनाओं को अब 2021 से उम्मीदें हैं।

रिंग रोड: यह लोक निर्माण विभाग की सबसे महत्वपूर्ण परियोजना है। बदलते सर्वे और संशोधन के बाद इसका बजट 1800 करोड़ तक पहुंच गया था। बाद में, इसके डिज़ाइन को बदलने और इसे छोटा बनाने की भी चर्चा हुई। लेकिन अब तक यह प्रोजेक्ट धरातल पर नहीं उतर सका।

 आइएसबीटी : गौलापार से  आइएसबीटी के हटने के बाद, तीनपानी  में नई जमीन की तलाश की गई। वन भूमि   होने की वजह से लैंड ट्रांसफर की प्रक्रिया भी शुरू करवाई गई।  लेकिन अब केंद्रीय वन और पर्यावरण मंत्रालय ने यह कहते हुए प्रस्ताव लौटा दिया है कि मामला अदालत में भी चल रहा है।

चिड़ियाघर: हल्द्वानी के गौलापार में बनाया जाने वाला अंतर्राष्ट्रीय स्तर का चिड़ियाघर चार  से बजट के अभाव में उपेक्षा का शिकार हो गया है।     अब तक जू की सुरक्षा दीवार और एक कृत्रिम झील बनाई जा सकती थी। इसका निर्माण 412 हेक्टेयर भूमि पर किया जाना था। यह परियोजना शुरू से ही धीमी रही है।

एसटीएच पार्किंग: हल्द्वानी की सबसे बड़ी समस्या पार्किंग है। रामपुर रोड पर आधा किलोमीटर तक सड़क को फोरलेन करने के बाद   एसटीएच के आगे 200 वाहनों की पार्किंग भी बननी थी।  बजट भी मिला। लेकिन फिर वन भूमि के पेंच ने पूरे मामले को बदतर बना दिया। जमीन हस्तांतरण की प्रक्रिया अभी भी जारी है।

  तीनपानी बाईपास: टीपीनगर तिराहे से  लेकर  तीनपानी  तक बाईपास निर्माण होना था। ताकि वाहनों का दबाव कम कर सके।   सवा दो साल पहले चार विभागों ने एक हफ्ते के अंदर सर्वे का काम पूरा किया था। उसके बाद लोनिवि ने साढ़े 28 करोड़ का प्रस्ताव तैयार किया।    लेकिन फिर प्रस्ताव अटक गया।