मसूरी. शिफन कोर्ट बेघर कमजोर वर्ग श्रमिक वर्ग एवं अनुसूचित जाति संघर्ष समिति मसूरी ने एसडीएम को ज्ञापन देकर शिफन कोर्ट के बेघरों को आश्रय देकर विस्थापित करने की मांग की है।
ज्ञापन के अनुसार 24 अगस्त 2020 को भारी पुलिस बल की मौजूदगी में पुरुकुल रोपवे के नाम पर शिफन कोर्ट में रहने वाले 84 श्रमिक परिवारों को हटाया गया था, लेकिन चार साल बाद भी शिफन कोर्ट के बेघरों को विस्थापित नही किया गया।

नगर पालिका ने जमीन उपलब्ध कराने का प्रस्ताव पारित कर यह जमीन हंस फाउंडेशन को देने की योजना पारित की, ताकि वहां श्रमिक कॉलोनी विकसित की जा सके, विधायक और मंत्री गणेश जोशी ने भी कई बार आश्वासन दिया, लेकिन कोई समाधान नहीं निकला. ज्ञापन में मांग की गई कि शिफन कोर्ट के बेघरों को जल्द से जल्द आश्रय दिया जाए ताकि उनकी चिंताएं दूर हो सकें.

ज्ञापन देने वालों में समिति अध्यक्ष संजय टम्टा, महामंत्री राजेंद्र प्रसाद सेमवाल, कुलदीप रावत, दिनेश उनियाल व शिफन कोर्ट के बेघर शामिल थे।