हरिद्वार : सरकार लगातार कोरोना की संभावित तीसरी लहर को आने से रोकने के लिए तमाम तरह की गाइडलाइन व प्रतिबंध लगा रहा है। बावजूद इसके लोग इनका पालन करते हुए नहीं दिख रहे है। खुलेआम कोरोना गाइडलाइन की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं। ऐसा ही एक नजारा आज गुरु पूर्णिमा के स्नान के अवसर पर हरिद्वार के गंगा घाट पर देखने को मिला। जहां शनिवार को हजारों श्रद्धालुओं ने हरिद्वार में गंगा घाटों में पवित्र डुबकी लगाई। इस दौरान कहीं पर भी कोरोना के नियमों का पालन नहीं हुआ। वहीं हरकी पैड़ी क्षेत्र में कोरोना प्रोटोकॉल पालन करवाने के प्रशासन के दावे भी हवा-हवाई साबित हुए। यहां सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं किया गया। यहां अधिकतर लोगों ने मास्क तक नहीं पहना था।

उत्तराखंड बॉर्डर से वापस लौटाए गए कई लोग
बता दें रविवार से सावन का पवित्र महिना शुरू हो रहा है। जिसको देखते हुए शुक्रवार को श्यामपुर बॉर्डर से कांवड़ियों के पांच वाहन वापस लौटाए गए। नारसन, चिड़ियापुर, श्यामपुर, भगवानपुर से 120 वाहनों को वापस लौटाया गया। ये लोग हरिद्वार आ रहे थे और इनके पास आरटीपीसीआर निगेटिव रिपोर्ट भी नहीं थी। बॉर्डर पर जब वाहन स्वामियों से टेस्ट करवाने के लिए कहा गया तो उन्होंने मना कर दिया। बता दें कि कोरोना के खतरे को देखते हुए 24 जुलाई को गुरु पूर्णिमा का पर्व स्नान सांकेतिक रखा गया था। कहा गया था कि श्री गंगा सभा के लोग और तीर्थ पुरोहित ही सांकेतिक रूप से पूजन कर स्नान करेंगे। लेकिन उसके बावजूद भी आज हरिद्वार के गंगा घाट से ऐसी तस्वीरें सामने आई जो चिंता में डालने के लिए काफी हैं।

पूरे प्रदेश में बढ़ाई गई है पुलिस की सख्ती
उत्तर प्रदेश व उत्तराखंड में कांवड़ मेला स्थगित होने के बाद हरिद्वार जिले के बॉर्डर पर पुलिस की सख्ती बढ़ा दी गई है। 25 जुलाई से श्रावण मास भी शुरू हो रहा है। देश के अलग-अलग कोनों में रहने वाले भक्त गुरु पूर्णिमा पर हरिद्वार में रहने वाले अपने गुरुओं का पूजन करने आते हैं। जिसके चलते आज हरिद्वार में काफी भीड़ देखी गई । साथ ही सभी को बॉर्डर पर निगेटिव रिपोर्ट दिखाकर ही प्रदेश में प्रवेश मिल रहा है। हालांकि, इसके बाद भी गंगा स्नान पर रोक के लिए कहा गया था, लेकिन फिर भी घाटों पर लोगों की भीड़ दिखाई दी।