हल्द्वानी : जनता की सुविधा के लिए लंबे समय से पुलिस की कार्यप्रणाली में बदलाव की कवायद जारी है. उत्तराखंड पुलिस अब दिल्ली की तर्ज पर पुलिस को हाईटेक करने जा रही है। अब थाने में तैनात बीट अफसरों को डायरी से निजात मिलेगी। डीआईजी कुमाऊं नीलेश आनंद भरणे ने कहा कि अब तक उत्तराखंड पुलिस के थानों और चौकी के बीट अधिकारी अपनी बीट की पूरी जानकारी डायरी में रखते हैं.

कई बार उस थाने की चौकी के बीट अधिकारियों को दूसरे थाने में स्थानांतरित करने के बाद नए बीट अधिकारी को फिर से जानकारी एकत्र करने की आवश्यकता नहीं होती है। ऐसे में अब सभी थानों, चौकियों के बीट अधिकारियों को ई बीट पुलिसिंग के जरिए जोड़ा जा रहा है.

विभाग द्वारा मोबाइल सिम उपलब्ध कराया जा रहा है, जिसमें बीट अधिकारी अपने बीट की सारी जानकारी सिम के माध्यम से अपडेट करेगा। ताकि भविष्य में उक्त बीट अधिकारी का स्थानांतरण होने पर दूसरे बीट अधिकारी को किसी प्रकार की परेशानी का सामना न करना पड़े. उन्होंने बताया कि ई-बीट के नाम से एक एप जारी किया गया है, जहां बीट अधिकारी एप को डाउनलोड कर उसमें अपनी बीट की सभी गतिविधियों को अपडेट कर रहे हैं.

उन्होंने बताया कि इसकी शुरुआत कुमाऊं संभाग में कर दी गई है. कुछ थानों के बीट अफसरों को सिम मुहैया करा दी गई है। ई-बीट पुलिसिंग के तहत उक्त क्षेत्र के बीट अधिकारी सभी अपराधी व्यक्तियों के साथ-साथ जनप्रतिनिधियों, सामाजिक संस्थाओं, स्कूल, होटल, बैंक से संबंधित जानकारी एप में अपडेट करेंगे. सभी थानों के बीट अधिकारियों द्वारा एप डाउनलोड करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है, ताकि वे इसमें अपनी बीट की सारी जानकारी दे सकें।

क्या है ई-बीट : पुलिस बीट अफसरों की डायरी की जगह ई-बीट बुक यानी टैबलेट होगी। बीट अधिकारी अपने फोन में ‘ई बीट बुक’ को डाउनलोड और इस्तेमाल कर सकेंगे। जिसमें हर क्षेत्र के बीट ऑफिसर के बीट का मैप होगा, जिसे गूगल से लिंक किया जाएगा। किसी भी घटना के समय बीट अधिकारी मानचित्र की सहायता से शीघ्र मौके पर पहुंच सकेंगे। इसमें क्षेत्र के सभी जरूरी नंबरों को फीड किया जाएगा। ताकि जरूरत पड़ने पर वे सीधे संपर्क कर सकें।