टिहरी गढवाल , PAHAAD NEWS TEAM

भारत के प्रसिद्ध निशानेबाज जसपाल राणा का जन्म 28 जून 1976 को टिहरी गढवाल में हुआ था, जसपाल राणा उत्तराखंड के एक राजपूत परिवार से हैं।इन्होंने अपनी पढ़ाई मसूरी,कानपुर और दिल्ली से की। जसपाल राणा ने 1995 की कॉमनवेल्थ शूटिंग चैंपियनशिप में 8 स्वर्ण जीतकर एक नया रिकॉर्ड बनाया।

जसपाल राणा को भारतीय शूटिंग टीम का ‘टॉर्च बियरर’ भी कहा जाता है। उन्होंने अनेक प्रतियोगिताओं में भारत के लिए पदक जीत कर भारत का मान बढ़ाया है। उन्होंने 1995के सैफ खेलों में चेन्नई में 8 स्वर्ण और 1999 के काठमांडू में सैफ खेलों में 8 स्वर्ण पदक जीते।जसपाल राणा के पिता नारायण सिंह राणा ने उन्हें निशानेबाजी मेंशिक्षा देकर माहिर किया।

उपलब्धियां:

  • जसपाल राणा ने राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय खेलों में 600 से ज्यादा पदक जीते हैं।
  • जसपाल राणा ने मात्र 12 वर्ष की उम्र में ही प्रसिद्धि हासिल कर ली थी, 1988 में अहमदाबाद मे हुए 31वीं राष्ट्रीय निशानेबाजी चैंपियनशिप में उन्होंने रजत पदक अपने नाम किया।
  • 1994 में इटली के मिलान शहर में विश्व शूटिंग चैंपियनशिप में 569/600 का नया विश्व रिकॉर्ड बनाते हुए स्वर्ण पदक जीता।
  • 1994में 12वें एशियाई खेलों में हिरोशिमा, जापानमें एक स्वर्ण व एक कांस्य पदक जीतकर एशियाई खेलों में 588/600 अकों का नया रिकॉर्ड बनाया।
  • 1994 में जसपाल राणा को अर्जुन अवॉर्ड से नवाजा गया, उस समय जसपाल की उम्र सिर्फ 18 साल थी। बहुत ही कम उम्र में जसपाल राणा ने अपना मुकाम हासल कर लिया था
  • 1997 में इन्हे पद्मश्री से नवाजा गया और साथ ही मदर टेरेसा द्वारा राष्ट्रीय नागरिक पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया था।
  • राणा ने अपने अधिकांश पदक ‘सेंटर फायर पिस्टल’ प्रतियोगिता में जीते हैं और एयर पिस्टल,स्टैन्डर्ड पिस्टल,फ्री पिस्टल,रेपिड फायरपिस्टल प्रतियोगिताओं में भी सफलता हासल की 2006 एशियाई खेलों में, इन्होंने 25 मीटर सेंटर फायर पिस्टल में 590 अंकों के साथ विश्व रिकॉर्ड को बराबर किया, जिसे उन्होंने 1995 में कोयंबटूर में और 1997 में राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में बैंगलोर में दो बार पहले भी अचीव किया |
  • जसपाल राणा को राजनीति की भी शौक था इसलिए इन्होंने राजनीति मे भी हाथ अजमाया और भारतीय जनता पार्टी के सदस्य बने।
  • जसपाल ने बीजेपी के लिए 2009 के लोकसभा चुनावों में चुनाव लड़ा लेकिन वो यह चुनाव हार गये और फिर 2012 में कॉंग्रेस में शामिल हो गये|

राणा ने कहा कि युवा निशानेबाजों को असफलता के बाद वापसी करने की सीख लेने की जरूरत है। उन्होंने कहा, ‘इन युवा खिलाड़ियों को सिखाया जाना चाहिए कि वापसी कैसे करनी है। अगर वे पिछड़ जाते हैं और वापसी नहीं कर पाते हैं तो यह आदत नहीं बननी चाहिए। हमें इस पर काम करना होगा।’

राणा ने कहा, ‘मानव (मानवजीत सिंह संधू), अभिनव बिंद्रा क्या करते थे। वे कड़ा अभ्यास करते थे। वे कमांडो ट्रेनिंग लेते थे। चोटों के बावजूद उन्होंने कड़ी मेहनत की। अब भी इसकी जरूरत है।’