हरिद्वार : बीते दिन जीएसटी विभाग की अलग-अलग टीमों ने जिले में कई जगहों पर छापेमारी की. विभाग की विशेष टीम ज्वालापुर की सब्जी मंडी पहुंची तो वहां के व्यापारियों में हड़कंप मच गया. इस दौरान कई दुकानदार दुकानें बंद कर मौके से फरार हो गए। टीम ने कई थोक व्यापारियों के खातों की जांच की, कई घंटों तक चली जांच में विभागीय टीम को लाखों रुपये के चावल में गड़बड़ी मिली.

वस्तु एवं सेवा कर विभाग (हरिद्वार जीएसटी विभाग की छापेमारी) की टीम ने गुरुवार को ज्वालापुर सब्जी मंडी स्थित गल्ला मंडी में अचानक छापेमारी की. विभागीय वाहनों में अधिकारियों की टीम को देख कई आढ़तियों में हड़कंप मच गया और वे आनन-फानन में दुकानों के शटर बंद कर फरार हो गए. कुछ दुकानें खुली मिली तो टीम ने वहां खातों की जांच की। जांच में पता चला कि राज्य कर से बचने के लिए दलाल अब चावल को 25 और 50 किलो या उससे अधिक के बैग में नहीं रखते हैं, बल्कि इसे 20 और 50 किलो के बैग में पैक और बेच रहे हैं। ताकि वे राज्य कर से बच सकें। जिसके बाद आढ़तियों के दस्तावेजों की जांच करते हुए माल की आवक और बिक्री का मिलान किया गया है.

बताया जा रहा है कि गल्ला मंडी में जीएसटी विभाग की टीम को लंबे समय से टैक्स चोरी की शिकायतें मिल रही थीं. आला अधिकारियों के निर्देश पर विभाग की एक टीम बेहद गुपचुप तरीके से गल्ला मंडी पहुंची. टीम की गाडिय़ों को देख एजेंटों के होश उड़ गए। कई दलाल आनन-फानन में अपनी दुकानों के शटर गिराते नजर आए। टीम ने कुछ दुकानों पर जाकर उस जगह की जांच की जहां कई अनियमितताएं पाई गई हैं. सूत्र बता रहे हैं कि अब तक लाखों की टैक्स चोरी पकड़ी जा चुकी है.

सीजीएसटी के संयुक्त आयुक्त अजय सिंह ने कहा कि कई घंटों की जांच के बाद यह बात सामने आई है कि राज्य कर से बचने के लिए अब व्यापारी चावल को बड़े पैक में नहीं छोटे पैकेट में रखकर बेच रहे हैं. आढ़तियों से 25 किलो के 5 हजार कट्टे मिले हैं, जिनकी एंट्री हो चुकी है। चावल 25 किलो, 50 किलो और 100 किलो बैग में पैक किया जा रहा था, जो पकड़े गए हैं. साथ ही उनका स्टॉक भी विभाग की ओर से दिखाया गया है, ताकि रिटर्न दाखिल करते समय उनसे टैक्स वसूला जा सके. बाजार में जहां पकड़े गए चावल की कीमत लाखों में है, वहीं अब विभाग को अच्छा टैक्स भी मिलेगा.