स्वास्थ्य आधार पर आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने के आरोपी पूर्व अतिरिक्त सचिव समाज कल्याण राम विलास यादव की ओर से दायर अल्पकालिक जमानत याचिका पर नैनीताल हाईकोर्ट ने सुनवाई की। हाईकोर्ट ने सरकार को इस मामले में दो दिन के भीतर स्थिति स्पष्ट करने का निर्देश दिया है.

न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा की एकलपीठ के समक्ष मामले की सुनवाई हुई. मामले के अनुसार पूर्व अपर सचिव (समाज कल्याण) राम विलास यादव ने हाईकोर्ट में अल्पकालीन जमानत याचिका दायर कर कहा था कि उनका स्वास्थ्य ठीक नहीं है, इसलिए उन्हें अल्पकालीन जमानत दी जाये.

पूर्व आईएएस अधिकारी राम विलास यादव उत्तराखंड सरकार में समाज कल्याण विभाग में अपर सचिव के पद पर कार्यरत थे. इससे पहले वह यूपी सरकार में लखनऊ विकास प्राधिकरण के सचिव भी रह चुके हैं। उनके खिलाफ लखनऊ में एक शख्स ने आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने की शिकायत दर्ज कराई थी।

इसके आधार पर उत्तराखंड सरकार ने जांच शुरू की. विजिलेंस टीम ने उनके लखनऊ, देहरादून और गाजीपुर स्थित ठिकानों पर छापेमारी की जहां संपत्ति से जुड़े कई दस्तावेज बरामद हुए. जांच के दौरान पता चला कि उनके पास आय से 500 गुना ज्यादा संपत्ति है. उसी के आधार पर सरकार ने उनके खिलाफ मामला दर्ज किया है.

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