जोशीमठ : जिन स्थानों पर प्रभावित परिवारों को रखा गया है, वहां उनके रहने और खाने की समुचित व्यवस्था की जाए। साथ ही यह भी ध्यान रखा जाए कि प्रभावित नागरिकों और प्रशासन के बीच किसी तरह का कम्युनिकेशन गैप न हो। उच्चाधिकारी भी प्रभावित परिवारों से लगातार संपर्क में रहें और स्थिति पर नजर रखें। मुख्य सचिव ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि भू-धंसाव से मोबाइल नेटवर्क भी प्रभावित हो सकता है। मोबाइल टावर को सुरक्षित स्थान पर शिफ्ट कर या नए टावर लगाकर संचार व्यवस्था को मजबूत किया जाए।

उन्होंने कहा कि स्थानीय लोगों को साथ लेकर मूल्यांकन समिति का गठन किया जाए। पिछले 24 घंटों में क्षेत्र में किस प्रकार का और कितना परिवर्तन हुआ है, इसका निरीक्षण करने के लिए प्रतिदिन एक टीम पूरे क्षेत्र में भेजी जाए। जो भवन अधिक प्रभावित हैं उन्हें प्राथमिकता के आधार पर तोड़ा जाए। बैठक में अपर मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन, वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से जोशीमठ से सचिव आर. मीनाक्षी सुंदरम, सचिव नितेश कुमार झा, अरविंद सिंह ह्यांकी, डॉ. रंजीत सिन्हा एवं बृजेश कुमार संत सहित वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से आयुक्त गढ़वाल सुशील कुमार एवं जिलाधिकारी चमोली हिमांशु खुराना सहित अन्य आला अधिकारी मौजूद रहे.

ड्रेनेज और सीवरेज प्लान पर काम शुरू करें
जोशीमठ के स्थिर क्षेत्र के लिए ड्रेनेज और सीवेज प्लान पर भी काम शुरू किया जाए। इमारतों को गिराने में विशेषज्ञों की मदद ली जाए ताकि गिराए जाने में और कोई नुकसान न हो। साथ ही कंट्रोल रूम को 24 घंटे एक्टिव मोड पर रखा जाए और आम जनता को किसी भी प्रकार की आपात स्थिति में उनसे संपर्क करने के लिए प्रचार-प्रसार किया जाए।

प्रभावित क्षेत्र के लोगों की सुरक्षा सबसे जरूरी : राज्यपाल

राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (सेनी) ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से जोशीमठ में भूस्खलन की स्थिति के बारे में जानकारी ली। कहा कि भूस्खलन से प्रभावित क्षेत्र के लोगों की सुरक्षा अत्यंत आवश्यक है, इसे ध्यान में रखते हुए प्रभावितों के अस्थाई पुनर्वास की समुचित व्यवस्था की जाए।

मुख्यमंत्री ने मंगलवार को राजभवन में राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह से मुलाकात की. सीएम ने जोशीमठ में भूस्खलन क्षेत्र में चलाए जा रहे राहत और बचाव कार्यों की जानकारी दी. कहा, नागरिकों की सुरक्षा के लिए हर संभव कदम उठाए जा रहे हैं। प्रभावितों के संरक्षण एवं पुनर्वास के लिए तत्काल एवं दीर्घकालीन कार्य योजना तैयार की जा रही है। राज्यपाल ने कहा कि ठंड और खराब मौसम में प्रभावित लोगों को किसी तरह की परेशानी नहीं होनी चाहिए.

इससे पूर्व मुख्य सचिव डॉ. एसएस संधु ने भी राज्यपाल से मुलाकात कर जोशीमठ में भू-धंसाव क्षेत्र में चलाए जा रहे राहत एवं बचाव कार्यों की जानकारी दी. राज्यपाल ने कहा कि राहत और बचाव कार्य में लगी सभी एजेंसियों का समन्वय सुनिश्चित किया जाए. नागरिकों की सुरक्षा सर्वोपरि है। इस दौरान राज्यपाल ने मुख्य सचिव से कई अन्य विषयों पर भी बातचीत की.

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