रांची , PAHAAD NEWS TEAM

झारखंड की राजधानी रांची के ‘फुनसुख वांगडू’ यानी ज्ञान राज आज से शुरू हो रहे कौन बनेगा करोड़पति में नजर आएंगे. केबीसी का 13वां सीजन सोमवार 23 अगस्त से शुरू हो रहा है। ज्ञान राज इस सीजन हॉट सीट पर पहुंचने वाले पहले कंटेस्टेंट हैं। ज्ञान राज प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के मुख्य वैज्ञानिक सलाहकार परिषद के सदस्य भी हैं। वह रांची के अपने स्कूल में बच्चों में वैज्ञानिक सोच पैदा कर रहे हैं। ज्ञान राज ने कंप्यूटर इंजीनियरिंग की है। रांची के नगड़ी में राज इंटरनेशनल स्‍कूल है । यहां वे अपने माता-पिता के साथ बच्चों को पढ़ाते हैं। वे बच्चों को अलग तरह से पढ़ाते हैं। इसके लिए उन्हें नीति आयोग की ओर से टीचर ऑफ चेंज अवॉर्ड दिया गया है। उन्होंने सोचा कि नौकरी पाने के बजाय पढ़ाई के बाद बच्चों को पढ़ाना बेहतर है।

अटल का समर्थन

नीति आयोग ने अटल मिशन लैब के तहत प्रयोग के तौर पर अटल टिंकरिंग लैब की शुरुआत की थी। इसका उद्देश्य बच्चों और युवाओं में वैज्ञानिक सोच विकसित करना है। अपने स्कूल में इस लैब का लाभ उठाने के लिए ज्ञान ने पोर्टल पर प्रोजेक्ट बनाकर आवेदन किया था। आज झारखंड में सिर्फ तीन जगहों पर यह लैब है.

अटल द्वारा समय-समय पर बच्चों के लिए कार्यशालाओं का आयोजन किया जाता है ताकि उनकी वैज्ञानिक क्षमताओं में सुधार किया जा सके। उनकी लैब में बच्चों को रोबोटिक, आर्टिफिशयल इंटेलिजेंस, ड्रोन मेकिंग, इंटरनेट ऑफ थिंग्स और वर्चुअल रिएलिटी की जानकारी दी जाती है। नए आविष्कार करने के लिए भी प्रोत्साहित किया जाता है। यहां के बच्चे बाजार से ड्रोन खरीदने की बजाय खुद ड्रोन बनाकर उड़ाते हैं। उनके स्कूल के ज्यादातर बच्चे इंजीनियर बनना चाहते हैं।

ज्ञान राज पीएसए समूह के सदस्य हैं

भारत के पीएसए यानी यानी प्रिंसिपल साइंटिफिक एडवाइजर हैं के. विजयन राघवन. नवंबर 1999 में पीएसए की नींव रखी गई थी । यह समूह प्रधान मंत्री को विज्ञान और प्रौद्योगिकी की जरूरतों से संबंधित सुझाव देता है। इसमें रांची के ज्ञान राज समेत देशभर से 100 युवा वैज्ञानिकों को जोड़ा गया है.