पर्यटन एवं धर्मस्व मंत्री सतपाल महाराज ने केदारनाथ मंदिर के गर्भगृह में सोना चढ़ाने के विवाद की जांच शुरू कर दी है। महाराज ने सचिव धर्मस्व हरिचंद सेमवाल को उच्च स्तरीय जांच के आदेश दिये हैं.

महाराज के मुताबिक, केदारनाथ की धार्मिक आस्था और पवित्रता से खिलवाड़ करने वालों को किसी भी सूरत में बख्शा नहीं जाएगा। हालांकि महाराज ने भ्रष्टाचार की आशंकाओं को निराधार बताया है. केदारनाथ मंदिर के गर्भगृह की दीवारों पर सोने की पॉलिश उतरने का मामला काफी समय से सोशल मीडिया पर चल रहा है। इसे लेकर विपक्षी कांग्रेस मंदिर समिति और सरकार पर हमलावर है.

विपक्ष ने इस मामले को टैक्स चोरी से भी जोड़ा है. इसे देखते हुए अब कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज ने मामले की उच्च स्तरीय जांच के आदेश दिए हैं.

महाराज ने यह भी कहा कि प्रथम दृष्टया आरोप सही नहीं कहे जा सकते. क्योंकि जिस भक्त ने केदारनाथ मंदिर में सोना और तांबा दान किया है, उसने वहां के सारे काम भी कराए हैं। इसलिए किसी भी प्रकार के गबन या भ्रष्टाचार की कोई गुंजाइश नहीं है. उन्होंने कहा कि सच्चाई सामने लाने के लिए उच्चस्तरीय जांच के आदेश दिये गये हैं.

आपको बता दें कि पिछले दिनों केदारनाथ मंदिर में सोने की परत को लेकर सोशल मीडिया पर दावा किया गया था कि सोने के नाम पर पीतल का इस्तेमाल किया जा रहा है और इसकी गुणवत्ता भी खराब हो रही है. जिसके बाद राज्य में विपक्ष की भूमिका में कांग्रेस ने बीजेपी सरकार पर टैक्स चोरी में शामिल होने का आरोप लगाया. वहीं, इस मामले में बीजेपी ने सभी आरोपों को बेबुनियाद बताया है. उच्च स्तरीय कमेटी की जांच रिपोर्ट के बाद सोने पर सियासत तेज हो सकती है.

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