मसूरी : देहरादून-मसूरी मार्ग पर कोल्हूखेत के पास एक विशाल किंग कोबरा देखा गया, जिससे इलाके में हड़कंप मच गया. स्थानीय लोगों ने सांप के बारे में वन विभाग को सूचना दी। मौके पर पहुंची वन विभाग की टीम ने काफी मशक्कत के बाद एक रेस्टोरेंट के शौचालय से किंग कोबरा को पकड़ा और दूर जंगल में छोड़ दिया. जिसके बाद क्षेत्रवासियों ने राहत की सांस ली।

डीएफओ मसूरी आशुतोष सिंह ने बताया कि यह किंग कोबरा की दुर्लभ प्रजाति है। यह किंग कोबरा के प्रजनन का मौसम है। ऐसे में मादा के साथ किंग कोबरा भी हो सकता है। इसके लिए वन विभाग के कर्मचारियों को अलर्ट रहने को कहा गया है। और किंग कोबरा को पकड़ कर जंगल में छोड़ दिया जाता है। किंग कोबरा को पहली बार उत्तराखंड में वर्ष 2006 में नैनीताल जिले के भवाली वन रेंज में देखा गया था। फिर साल 2012 में इसका घोंसला मुक्तेश्वर में 2303 मीटर की ऊंचाई पर मिला।

इतनी ऊंचाई पर किंग कोबरा की मौजूदगी एक वर्ल्ड रिकॉर्ड है। उन्होंने कहा कि किंग कोबरा शीर्ष शिकारी खाद्य श्रृंखला में सबसे ऊपर है। प्रकृति में किंग कोबरा का भोजन केवल सांप ही हैं। यानी यह प्रकृति में सांपों की संख्या को नियंत्रित करता है। केवल दुर्लभ अवसरों पर किंग कोबरा सांपों के अलावा छिपकलियों या गिरगिट जैसे जीवों को खाते हैं। इस हिसाब से अभी तक राज्य में किंग कोबरा के काटने की एक भी घटना सामने नहीं आई है.

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