जौनपुर। लखवाड़ बाँध प्रभावित कास्तकार संयुक्त संघर्श मोर्चा के बैनर तले जौनपुर जौनसार क्षेत्र के लखवाड़ बाँध परियोजना से प्रभावित करीब 32 गाँवों के ग्रामीणों और काश्तकारों ने बुधवार को परियोजना स्थल के पास विरोध प्रदर्शन किया। स्थानीय निवासियों ने एलएंडटी (LNT) और उत्तराखंड जल विद्युत निगम (UJVNL) के अधिकारियों पर उनके अधिकारों की अनदेखी और शोषण का आरोप लगाया।

स्थानीय लोगों की मांगें:
प्रदर्शनकारी संयोजक मंडल के महिपाल सिंह सजवाण, महेन्द्र सिंह पुंडीर, दर्शन लाल नौटियाल, संदीप सिंह तोमर, प्रेम सिंह रावत, राकेश सिंह राणा, आनंद सिंह तोमर, जयपाल सिंह राणा, राजेश नौटियाल और काश्तकारों व ग्रामीणों ने कहा कि परियोजना के तहत दो गांव पूरी तरह प्रभावित हैं, लेकिन अब तक कई लोगों को उनकी जमीन और खेती का मुआवजा नहीं मिला। स्थानीय लोगों के अनुसार, परियोजना में अनुबंध के अनुसार 70% स्थानीय लोगों को रोजगार मिलना चाहिए था, जबकि वास्तविकता में केवल 4% को ही रोजगार मिला है।

अधिकारियों पर गंभीर आरोप:
स्थानीय प्रदर्शनकारियों ने आरोप लगाया कि एलएंडटी के अधिकारियों द्वारा स्थानीय लोगों का शोषण किया जा रहा है। पूर्व में 12 कर्मचारियों को नौकरी से हटाया गया और उनके खिलाफ झूठे मुकदमे दर्ज किए गए, जिससे एक कर्मचारी की डिप्रेशन में मृत्यु हो गई। प्रदर्शनकारियों ने यह भी कहा कि कुछ अधिकारियों द्वारा स्थानीय लोगों को गंभीर बीमारियों जैसे कैंसर जैसी स्थिति का डर दिखाकर दबाव डाला जा रहा है।

22 सूत्री मांगों की वकालत:
ग्रामीणों ने अपनी 22 सूत्रीय मांगों को पूरा किए बिना आंदोलन खत्म न करने की चेतावनी दी। उन्होंने कहा कि यदि उनकी मांगें पूरी नहीं हुईं, तो आंदोलन और उग्र हो जाएगा और आस-पास के क्षेत्रों, जैसे मसूरी और यमुना पेयजल पंपिंग योजना को भी प्रभावित किया जा सकता है।

स्थानीय नेताओं की सक्रियता:
उत्तराखंड स्वाभिमान मोर्चा के अध्यक्ष बॉबी पवार ने कहा कि परियोजना के तहत स्थानीय लोगों और काश्तकारों के अधिकारों का हनन किया जा रहा है। स्थानीय विधायक प्रीतम सिंह, राजपुर विधायक खजान सिंह और विकासनगर विधायक मुना सिंह चौहान से अपील की गई कि वे विधानसभा सत्र में प्रभावितों के मुद्दों को उठाएं और सरकार से जवाब मांगें।उन्होंने चेतावनी दी कि अगर स्थानीय प्रतिनिधि मांगों को समय पर नहीं उठाते, तो आंदोलन और तेज़ हो जाएगा।

अधिकारियों की प्रक्रिया:
एसडीएम धनोल्टी मंजु राजपूत ने ग्रामीणों से विस्तार से बातचीत की और संबंधित अधिकारियों को तीन दिनों के भीतर प्रभावितों की 22 मांगों पर जवाब तैयार करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि कुछ मांगों पर सहमति बन चुकी है और बाकी की समीक्षा डीएम के निर्देशानुसार होगी।

एलएनटी के डीजीएम योजना जितेंद्र भाटिया ने कहा कि कंपनी स्थानीय लोगों के हितों का पूरा ध्यान रख रही है। उन्होंने यह भी कहा कि जिन 12 लोगों के खिलाफ मुकदमे दर्ज हैं, उनके मामले को कानूनी सलाहकार से देख कर उचित निर्णय लिया जाएगा।

अगला कदम:
स्थानीय लोगों ने चेतावनी दी कि जब तक उनकी सभी मांगों का निष्पक्ष समाधान नहीं होता, परियोजना स्थल पर काम को रोका रहेगा और आंदोलन जारी रहेगा।