Chamoli , PAHAAD NEWS TEAM

तपोवन में एनटीपीसी की निर्माणाधीन हाइड्रो प्रोजेक्ट की सुरंग में फंसे 34 लोगों तक पहुंचने के लिए बचाव अभियान जारी है। मलबे के बैक फ्लो की वजह से उसे हटाने के लिए कड़ी मशक्कत करनी पड़ी। डीजीपी अशोक कुमार ने कहा कि मुख्य सुरंग के किनारे से दो शव बरामद किए गए हैं। उन्होंने बताया कि टीमें 130 मीटर तक पहुंच गई हैं और जल्द ही अगली सुरंग तक पहुंचने के लिए प्रक्रिया को तेज करने की कोशिश कर रही हैं। उत्तराखंड पुलिस, एसडीआरएफ और एनडीआरएफ के जवानो ने शवों को बरामद कर लिया गया है। अब तक कुल 40 शव मिले हैं, जबकि 164 लापता हैं। वहीं, डीएम स्वाति सिंह भदौरिया और एसपी यशवंत सिंह भी मौके पर हैं और राहत और बचाव कार्यों का जायजा ले रहे हैं।

एनटीपीसी की 520 मेगावाट की तपोवन विष्णुगाड परियोजना की सुरंग में ड्रिलिंग करके दो शव बरामद किए गए हैं, जो चमोली जिले के तपोवन क्षेत्र में ऋषिगंगा बाढ़ से तबाह हो गया था। उसकी पहचान आलम सिंह पुत्र सुंदर सिंह निवासी ल्वैल गुल्लर नरेंद्रनगर , टिहरी उत्तराखंड और अनिल पुत्र भगतू निवासी डाडवली समल्टा कालसी को देहरादून उत्तराखंड के रूप में की गई है।

सुरंग के अंदर बचाव में लगी एनडीआरएफ की टीम ने सुबह 4:45 बजे पहला शव बरामद किया और दूसरा सुबह 5:50 बजे प्रोजेक्ट के इंटेक एडिट टनल से बरामद किया । इस सुरंग में 7 फरवरी से बचाव अभियान चल रहा है। जिन दो व्यक्तियों के शव सुरंग से बरामद किए गए हैं। उनके घटना के दिन से मलबे के नीचे दबे होने की आशंका थी। बचाव दल ड्रोन कैमरों की मदद से सुरंग के अंदर लापता लोगों की तलाश कर रहा है।

चमोली के जिला मजिस्ट्रेट स्वाति एस भदौरिया और पुलिस कप्तान यशवंत सिंह चौहान बचाव कार्यों का जायजा लेने के लिए सुरंग के अंदर गए। जिला मजिस्ट्रेट स्वाति एस भदोरिया ने बताया कि सुरंग के अंदर बचाव कार्य युद्धस्तर पर चल रहा है। एनडीआरएफ सहित अन्य टीमें बचाव में जुटी हैं। उन्होंने कहा कि सुरंग के अंदर फंसे लोगों के बचने की संभावना से भी इनकार नहीं किया जा सकता है।

यदि कोई जीवित व्यक्ति सुरंग के अंदर पाया जाता है, तो तत्काल उपचार के लिए यहां बनाए गए अस्थायी हेलीपैड में एक हेलीकॉप्टर भी तैनात किया गया है। घटनास्थल पर मेडिकल टीमों को भी तैनात किया गया है। ताकि अगर कोई घायल हो जाए तो उसे यहां प्राथमिक उपचार दिया जा सके।