देहरादून से PAHAAD NEWS TEAM

लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा कि लोकसभा का बजट सत्र कोराना काल से पहले की तरह पूरी क्षमता के साथ जल्द आयोजित होगा। इसमें प्रश्नकाल भी चलाया जाएगा। विपक्ष के सभी Questions के जवाब दिए जाएंगे। उन्होंने कहा कि Delhi में जल्द ही पंचायत व निकाय अध्यक्षों का दो दिवसीय सम्मेलन आयोजित किया जाएगा। इसमें इन institutions को मजबूत और जवाबदेह बनाने पर चर्चा की जाएगी। लोकसभा अध्यक्ष ने कहा कि दल-बदल कानून और हंगामे की प्रवृत्ति को कम कर सदन का सुचारू संचालन सुनिश्चित करने को लेकर एक कमेटी का गठन किया गया है। जल्द ही इसकी रिपोर्ट मिल जाएगी।

Friday  को प्रेमनगर स्थित एक  Hotel   में उत्तराखंड की पंचायती राज संस्थाओं के लिए आयोजित सम्मेलन में शिरकत करने आए  Lok Sabha Speaker Om Birla   ने  Reporter  से बातचीत में कहा कि अभी तक  Kovid infection  की दर तेज थी। ऐसे में ऐहतियात बरता जा रहा था। अब स्थिति कुछ बेहतर है तो पूर्व की भांति पूरे समय   Lok Sabha  की कार्यवाही चलाई जाएगी। उन्होंने कहा कि लोकसभा व विधानसभाओं में व्यवधान बहुत ज्यादा होने लगा है। तख्तियां लेकर नारेबाजी की जा रही है। इसे कम करने की कोशिश की गई है। नियमों में भी यह है कि कोई सदन में तख्ती लेकर न आए, नारेबाजी न करे। कोशिश की जाएगी कि ज्यादा से ज्यादा ऐसी घटनाओं को हतोत्साहित किया जाए। सदन में सभी को अपने  views रखने का ज्यादा से ज्यादा  Chance   दिया जाए |

लोकसभा अध्यक्ष ने कहा कि ‘संविधान को जानो’ कार्यक्रम के लिए रूपरेखा तय की गई है। इसके लिए कमेटी का गठन किया गया है। सभी विश्वविद्यालयों, महाविद्यालयों और विद्यालयों में विधानसभा के माध्यम से यह कार्यक्रम संचालित किया जाएगा। इसके लिए व्यापक अभियान चलाने की कार्ययोजना बनाई गई है। कोविड के कारण इसकी गति धीमी रही, अब जल्द ही इसे गति दी जाएगी।

पंचायत व निकाय प्रतिनिधियों को संसदीय कार्यों की जानकारी के संबंध में पूछे गए Question पर उन्होंने कहा कि Lok Sabha , राज्यों की विधानसभा के साथ मिलकर प्रबोधन Program आयोजित करती है। सभी स्वायत्त संस्थाएं हैं। यदि कोई चाहे तो उन्हें प्रशिक्षण देने के लिए प्रबोधन कार्यक्रम कार्यक्रम आयोजित कराया जा सकता है।

किसान आंदोलन के संबंध में पूछे गए Question पर Lok Sabha Speaker ने कहा कि Democracy में आंदोलन करना सबका अधिकार है। लोकसभा का काम था विधेयक पर चर्चा कराना। संसद में पांच घंटे 42 मिनट चर्चा हुई और बहुमत से विधेयक पारित हुए। पत्रकार वार्ता में उत्तराखंड विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल और पंचायती राज मंत्री अरविंद पांडेय भी उपस्थित थे।